तिमाही ऋण जमा अनुपात कम होने पर जताया असंतोष
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: जिला स्तरीय ऋण जमा अनुपात एवं पुनर्निरीक्षण की बैठक में डीएम डा. राघव लं
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: जिला स्तरीय ऋण जमा अनुपात एवं पुनर्निरीक्षण की बैठक में डीएम डा. राघव लंगर ने विभागों एवं बैंकों के बीच आपसी समन्वय पर जोर दिया। डीएम ने बैंकों के तिमाही ऋण जमा अनुपात 27.55 प्रतिशत पर असंतोष व्यक्त करते हुए वसूली में तेजी लाने के निर्देश दिए।
जिला कार्यालय सभागार में आयोजित बैंकर्स की बैठक में डीएम डा. राघव लंगर ने कहा कि सरकार की स्वरोजगार के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का लाभ पात्रों को मिल सके। इसके लिए विभागों व बैंकों को मिलकर कार्य करना होगा। कहा कि बैंकों व विभागों की लापरवाही के चलते योजनाओं का लाभ पात्रों को समय से नहीं मिल पाता है। उन्होंने बैकों के आपदा पीड़ितों को भेजे जा रहे नोटिस पर नाराजगी व्यक्त करते हुए बैंकर्स फटकार भी लगाई। कहा कि आपदा प्रभावित ऋणदाताओं को ऋण चुकाने के लिए समय सीमा बढ़ाने को लेकर वह शासन से वार्ता करेंगे। बैठक में बैंकों के तिमाही ऋण जमा अनुपात 27.55 प्रतिशत पर डीएम ने असंतोष व्यक्त करते हुए वसूली में तेजी लाने के निर्देश दिए। वहीं प्रधानमंत्री जनधन योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, डेबिट कार्ड योजना की प्रगति भी नाराजगी व्यक्त की। कहा कि तहसील दिवस व बीडीसी बैठकों में इन योजनाओं के बारे में लोगों को जानकारी दें। सीडीओ सुनील कुमार ने वित्तीय समावेशन योजना की समीक्षा में सभी बैंक शाखाओं को आवंटित ग्रामों में बीसी नियुक्ति में तेजी लाने के निर्देश दिए। कहा कि बीसी नियुक्ति प्रक्रिया दो वर्षो से चल रही है। लेकिन इसमें बैंकों ने 50 प्रतिशत भी उपलब्धि भी हासिल नहीं की है। सभी बैंकर्स माह मार्च तक किसी भी प्रकार से लक्ष्य हासिल कर लें। इस अवसर पर नाबार्ड के डीडीएम आशीष भंडारी, एलबीओ शंकर लाल वर्मा, आरबीआइ के एजीएम रजत राज, एसडीएम सीएस चौहान, ऊखीमठ यूएस चौहान समेत कई कई विभागों के अधिकारी एवं बैंकों के शाखा प्रबंधक उपस्थित थे।