त्रिजुगीनारायण में होम स्टे को 'होम' नहीं
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: सरकार ने ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सीमांत गांव त्रिजुगीनारायण
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: सरकार ने ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सीमांत गांव त्रिजुगीनारायण को पर्यटक गांव तो घोषित कर दिया, लेकिन उनके विश्राम के लिए आवास की व्यवस्था नहीं की। नतीजन, पर्यटक तो आते हैं लेकिन रात्रि विश्राम किए बगैर लौट जाते हैं।
जिले का त्रिजुगीनारायण गांव आठ हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित है। इस पर्यटन गांव में पहुंचकर हर कोई यहां की नैसर्गिक सुंदरता पर न्योछावर हो जाता है, लेकिन बुनियादी सुविधाएं आज भी स्थापित नहीं हो सकी हैं। गांव सड़क मार्ग से जुड़ा तो है, लेकिन सड़क के बुरे हाल हैं। हालांकि अब इस मार्ग पर डामरीकरण का कार्य प्रस्तावित है। रहने के लिए सरकार की और से कोई व्यवस्था नहीं। कुछ प्राइवेट लॉज बने हैं, लेकिन विद्युत व्यवस्था भी हिचकोले खा रही है। बर्फबारी होने के बाद यह गांव पूरे जिले से कट जाता है, और यहां जाना मुश्किल हो जाता है। मार्ग से बर्फ हटाने की कोई व्यवस्था सरकार की ओर से नहीं की जाती है। त्रिजुगीनारायण के उप प्रधान आशीष गैरोला ने बताया कि सरकार ने गांव को पर्यटक गांव तो घोषित किया, लेकिन यहां के विकास के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए, आज भी यहां के ग्रामीणों का पर्यटन मुख्य व्यवसाय नहीं बन सका है। त्रिजुगीनारायण के व्यापारी मनमोहन सेमवाल का कहना है कि गांव में पर्यटक गांव घोषित हुए सात वर्ष से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन आज भी यहां पर धार्मिक पर्यटन विकसित नहीं हो पाया है, पूर्व में जिस तरह से यात्री व पर्यटक पहुंचते थे आज भी उसी तरह पहुंच रहे हैं।
गांव के लिए सड़क मार्ग पर डामरीकरण का कार्य जल्द पूरा हो जाएगा। गांव में अन्य मूलभूत सुविधाओं को लेकर जानकारी जुटाई जाएगी।
यूएस चौहान
उप जिलाधिकारी ऊखीमठ