ग्रामीण पर्यटन पर नहीं लगे पंख
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: ऊखीमठ ब्लॉक के पर्यटन गांव सारी में रूरल ईको टूरिज्म स्थापित करने की सरका
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: ऊखीमठ ब्लॉक के पर्यटन गांव सारी में रूरल ईको टूरिज्म स्थापित करने की सरकार की योजना परवान नहीं चढ़ सकी है। देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों के सैर-सपाटे के लिए बेहतर सुविधाएं एवं माहौल तैयार करने की योजना थी। इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ ही स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी प्रदान होने थे। योजना के तहत पूर्व में वन विभाग ने करीब 45 लाख रुपये भी खर्च किए, लेकिन काम अभी तक आगे नहीं सरक पाया।
प्रदेश में पर्यटकों को लुभाने के लिए केन्द्रीय पर्यटन मंत्रालय ने रूरल ईको टूरिज्म के लिए 10 वर्ष पूर्व जिले के ऊखीमठ ब्लाक के सारी गांव का चयनित किया था। गोवा की तर्ज पर यहां रूरल ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए सारी के ग्रामीणों को नैनीताल में प्रशिक्षण भी दिया गया। इस पर्यटन को विकसित करने का जिम्मा केदारनाथ वन प्रभाग को सौंपा गया था। योजना के मुताबिक सारी गांव में पर्यटकों के लिए पेइंगगेस्ट सुविधा, पेयजल एवं गांव का सौंदर्यीकरण, देवरियाताल व चोपता जाने वाले पैदल रास्तों में पानी व विश्राम स्थल की सुविधा समेत कई अन्य कार्य किए जाने थे। ताकि देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों को यहां सैर-सपाटे के लिए आकर्षित किया जा सके। इसके लिए लगभग पचास लाख रुपये की स्वीकृति भी सरकार की ओर से दी गई थी। वन प्रभाग केदारनाथ ने लगभग 45 लाख की धनराशि खर्च तो किए, लेकिन अभी तक टूरिज्म की कवायद पूरी तरह धरातल पर नहीं दिख रही है। शुरूआती समय में यहां देश-विदेश से कुछ पर्यटक तो अवश्य पहुंचे, लेकिन व्यवस्थाओं की कमी के चलते पिछले पांच-छह वर्षो से कोई पर्यटक नजर नहीं आता है।
पर्यटन गांव सारी की स्थिति
-गांव की कुल जनसंख्या-130 परिवार
-पेइंग गेस्ट वालों की संख्या-30 परिवार
-रूलर इको टूरिज्म स्वीकृति वर्ष-2005-06
-सारी गांव के लिए स्वीकृत धनराशि-पचास लाख
-पेइंग गेस्ट बनाने के लिए प्रति परिवार को सरकार की ओर से दी गई धनराशि-30 हजार
-वर्तमान में पहुंचने वाले पर्यटक-नाममात्र पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विभाग लगातार प्रयास कर रहा है। सरकार ने जो योजनाएं बनाई गई है उनका निरीक्षण समय-समय पर होता रहता है।
पीके गौतम
जिला पर्यटन अधिकारी, रुद्रप्रयाग।