घटिया गुणवत्ता में अधिशासी अभियंता दोषी
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग : आपदा के दौरान गौरीकुंड हाईवे तबाह होने के बाद केदारघाटी का संपर्क देश-दु
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग : आपदा के दौरान गौरीकुंड हाईवे तबाह होने के बाद केदारघाटी का संपर्क देश-दुनिया से स्थापित करने के लिए एकमात्र मोटरमार्ग गुप्तकाशी-मयाली ही बचा था। इस मार्ग से घाटी में फंसे लाखों लोगों को निकाला गया था। मार्ग की दशा काफी खराब थी, इसलिए सरकार ने करोड़ों रुपये स्वीकृत कर मार्ग को दुरुस्त करने का प्लान बनाया, लेकिन सरकार के इन मंसूबों पर उनके ही अधिकारियों ने पलीता लगा दिया। मार्ग पर घटिया गुणवत्ता की शिकायत आई। डीएम रुद्रप्रयाग ने इसका संज्ञान लिया और इसकी जांच कर रिपोर्ट शासन को भेजी। अब लोनिवि की विभागीय जांच में भी घटिया गुणवत्ता होना पाया गया है।
आपदा के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले मयाली-गुप्तकाशी मोटर मार्ग के डामरीकरण व सुधारीकरण के लिए प्रदेश सरकार ने 3251 लाख की स्वीकृति प्रदान की। लेकिन, निर्माण कार्य शुरू होते ही घटिया गुणवत्ता की शिकायतें मिलने लगी। इस पर डीएम रुद्रप्रयाग ने जांच बैठाई और खामियों की रिपोर्ट शासन को भेजी। इसके बाद मुख्य अभियंता गढ़वाल लोनिवि पौड़ी की ओर से 29 मई को मार्ग का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान कई खामियां पाई गई, जिसमें मानक के अनुसार गेट का निर्माण न करना और ग्रिट का अनुपात कम पाया गया। इस पर गुणवत्तापूर्वक कार्य न कराए जाने व कार्य में लापरवाही बरतने के कारण प्रथम दृष्टतया, उत्तराखंड राज्य कर्मचारी नियमावली के उल्लंघन का दोषी पाते हुए तत्कालीन अधिशासी अभियंता प्रवीन कुमार, सहायक अभियंता बीसी भंडारी, अवर अभियंता वाईपी जोशी के विरुद्ध विभागीय अनुशासनात्मक जांच की संस्तुति की गई है।
वहीं जिले के डीएम अब तक जिले की 20 सड़कों की घटिया निर्माण की रिपोर्ट शासन को भेज चुके हैं। डीएम की रिपोर्ट के बाद विभाग स्वयं जांच करता है। दोषी पाए जाने पर अग्रिम कार्रवाई की जाती है।
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जिले में जिन मोटर मार्गो पर घटिया निर्माण की शिकायत मिली थी, उनकी रिपोर्ट जांच कर शासन को भेजी गई हैं। अब तक 20 सड़कों की रिपोर्ट भेज दी गई हैं। इसमें से गुप्तकाशी-मयाली मोटर मार्ग में विभागीय जांच लोनिवि कर रहा है।
डॉ. राघव लंगर, जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग