बिन जल भारी पड़ रहा हर दिन
जागरण सहयोगी, रुद्रप्रयाग: गांवो की भौगोलिक विषम परिस्थितियां विकास योजनाओं को भी आसानी से पनाह नहीं
जागरण सहयोगी, रुद्रप्रयाग: गांवो की भौगोलिक विषम परिस्थितियां विकास योजनाओं को भी आसानी से पनाह नहीं देती। जैसे ही विकास योजनाओं को रफ्तार देने की कोशिश की जाती है, दूसरी दुश्वारियां पैदा हो जाती है। तिलवाड़ा-सौराखाल मोटरमार्ग के चौड़ीकरण पर स्वीली में पेयजल संकट इसी दुश्वारियों का उदाहरण है। चौड़ीकरण के कार्य के दौरान पेयजल लाइन क्षतिग्रस्त होने से ग्रामीण दो सप्ताह से लंबे डग भरकर पानी की व्यवस्था कर रहे हैं। वहीं जिम्मेदार अफसर अपनी जिम्मेदारी से बच रहे हैं। पीएमजीएसवाई के तहत तिलवाडा-सौर
खाल मोटरमार्ग का चौड़ीकरण किया जा रहा है। इससे जगह-जगह पेयजल लाइन क्षतिग्रस्त हो गई हैं। लाइन क्षतिग्रस्त होने से स्वीली के ग्रामीण कई किमी दूर स्रोत से पानी ढो रहे हैं। स्थिति यह है कि कई बार ग्रामीण बारिश के पानी को पीने के उपयोग में ला रहे हैं। साथ ही मवेशियों को भी पानी की व्यवस्था करने में ग्रामीणों को दिक्कत आ रही है।
स्वीली की प्रधान रीना रावत ने बताया कि मोटरमार्ग से नीचे गुजर रही पाइन लाइनों के ऊपर मलबा व पत्थर आने से लाइन क्षतिग्रस्त हो गई है। उन्होंने बताया कि कुछ समय पहले ग्रामीणों के सहयोग से इसे ठीक कर दिया गया था, मगर इस बार दिक्कत ज्यादा है। ग्रामीण प्राकृतिक स्रोत से अपने लिए पानी का इंतजाम कर रहे हैं।