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सिरोबगड़ में हुई आस्था की राह आसान

संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: चार दशक से परेशानी का सबब बने सिरोबगड़ स्लाइडिंग जोन के अस्थाई ट्रीटमेंट क

By Edited By: Published: Sun, 05 Jul 2015 04:35 PM (IST)Updated: Sun, 05 Jul 2015 04:35 PM (IST)
सिरोबगड़ में हुई आस्था की राह आसान

संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: चार दशक से परेशानी का सबब बने सिरोबगड़ स्लाइडिंग जोन के अस्थाई ट्रीटमेंट की प्रशासन की कोशिशें रंग लाई हैं। कंक्रीट की 10 फीट ऊंची दीवार और जाली के कारण स्लाइडिंग लगभग थम गई है। इससे चार धाम पर आने वाले देश-विदेश के यात्रियों की आस्था की राह आसान हो गई है।

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चारधाम यात्रा के साथ ही चमोली और रुद्रप्रयाग की छह लाख आबादी के लिए सिरोबगड़ स्लाइडिंग जोन एक अरसे से मुसीबत का सबब बना रहा है। बिना बारिश के भी यहां पर मलबा आ जाने से मार्ग अवरुद्ध हो जाता था। यात्रियों समेत स्थानीय लोगों आवाजाही के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता था। कई बार तो तीन-तीन दिन तक यह मार्ग बंद रहा है।

दरअसल, जिलाधिकारी और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों ने इस वर्ष यात्रा शुरू होने से एक माह पूर्व ही मौके का स्थलीय निरीक्षण किया था। अस्थाई ट्रीटमेंट के तौर पर यहां कंक्रीट की दीवार लगाकर ऊपर से आने वाले पत्थरों को रोकने के लिए लोहे की जाली लगाने की योजना बनाई गई। प्रशासन की यह कोशिश रंग लाई। नतीजा यह है यात्री सीजन रफ्तार पर रहा लेकिन कम से कम सिरोबगड़ क्षेत्र में मार्ग बाधित नहीं हुआ। हालांकि इससे पूर्व भी प्रशासन ने कई तरीके अपनाकर स्लाइडिंग जोन को रोकने का प्रयास किया लेकिन वह सफल नहीं हो सका था।

पिछली बार भी हुए थे प्रयास

पिछले साल वर्ष यात्रा शुरू होने से पूर्व स्लाइडिंग जोन में विस्फोट लगाकर मलबा नीचे गिराया गया, ताकि इसके बाद मलबा न आए, लेकिन जैसे ही बरसात शुरू हुई फिर से मलबा आने लगा। वैसे प्रशासन के विकल्प के रूप में खांकरा से छातीखाल के लिए भी निर्माण कार्य शुरू कर दिया है। पचास फीसदी से अधिक कार्य किया जा चुका है।

चार धाम यात्रा शुरू होने से पूर्व सिरोबगड में कंक्रीट की दीवार लगाई गई है, तथा इनके ऊपर लोहे की जाली लगाई गई हैं। इसके लगाने के बाद यातायात व्यवस्था सुचारू हुई है।

डॉ. राघव लंगर

जिलाधिकारी, रुद्रप्रयाग


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