तो पहाड़ की चाय पीते नजर आएंगे विदेशी
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: सब कुछ ठीक रहा तो जिले के तीन ब्लाकों में चाय बागान नजर आएंगे। चाय विकास
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: सब कुछ ठीक रहा तो जिले के तीन ब्लाकों में चाय बागान नजर आएंगे। चाय विकास बोर्ड ने सर्वे का कार्य भी शुरू कर दिया है। जिले में किसानों को प्रोत्साहित कर यहां उगाई गई चाय को विदेशों में निर्यात किया जाएगा। जिसको लेकर बोर्ड भी गंभीर नजर आ रहा है।
दार्जिलिंग की तर्ज पर अब उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में भी प्रदेश सरकार चाय बागवानी की ओर कदम बढ़ा रही है। इसे लेकर कसरत भी तेज हो गई है। कृषि मंत्री हरक सिंह रावत श्रीनगर गढ़वाल में चाय विकास बोर्ड का गढ़वाल मंडल कार्यालय खोलने की घोषणा कर चुके हैं। जिले के तीस फीसदी क्षेत्र में चाय के उत्पादन के लिए अनुकूल है। समुद्र तल से पांच हजार फीट ऊंचाई वाला क्षेत्र चाय बागवानी के लिए अनुकूल माना जाता है।
जिले के अगस्त्यमुनी, जखोली व ऊखीमठ में पांच हजार फीट से अधिक ऊंचाई पर चाय की खेती के लिए सर्वे किया गया है। जखोली विकास खंड के चिरबटिया क्षेत्र में चाय की खेती की जाएगी। ऊखीमठ व अगस्त्यमुनि क्षेत्र में भी चाय विकास बोर्ड ने सर्वे का कार्य शुरू कर दिया है। इस फसल के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जाएगा। इससे जहां किसानों की आमदनी में बढ़ोतरी होगी, वहीं कम खर्च में अच्छा फायदा भी मिलेगा। इन स्थानों में चाय बागवानी के खेत लहलहाते नजर आते हैं। चाय की खेती को बंदर, सुअर भी नुकसान नहीं पहुंचाते हैं। जिले में उगाई जाने वाली चाय विदेशों में निर्यात की जाएगी। इस फसल को बेचने के लिए जिले में मंडी की व्यवस्था भी की जाएगी।
रुद्रप्रयाग जिले में चाय की खेती की तमाम संभावनाएं हैं। चाय की खेती से किसानों को फायदा मिलेगा। यहां का किसान आर्थिक रूप से मजबूत होगा।
डॉ. हरक सिंह रावत
कृषि/उद्यान मंत्री, उत्तराखंड सरकार