छात्र समस्या छोड़ शराब की चिंता
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: महाविद्यालय की समस्याओं से भले ही छात्र नेताओं को सरोकार न हो लेकिन शराब
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: महाविद्यालय की समस्याओं से भले ही छात्र नेताओं को सरोकार न हो लेकिन शराब पर सियासत का कोई मौका हाथ से नहीं जाने देते। इसमें मकसद शराब की बुराई को समाप्त करना नहीं बल्कि मुफ्त शराब का होता है। खुद शराब विक्रेता समय-समय पर यह बात कहते रहे हैं। मुख्यालय स्थित शराब की दुकान पर मंगलवार को अगस्त्यमुनि छात्र संघ के पदाधिकारियों का हंगामा कराना भी इस बुराई को समाप्त करने का नहीं था बल्कि शराब की दरें घटने-बढ़ने और बच्चों की आड़ में अपनी राह आसान करना था।
अगस्त्यमुनि महाविद्यालय अपनी स्थापना के बाद से ही शिक्षकों, हॉस्टल और चारदीवारी समेत कई गंभीर समस्याओं से जूझ रहा है। महाविद्यालय में कई विषय लंबे समय बाद भी स्वीकृत नहीं हो सके हैं। इस समस्या को दूर कराने के लिए आंदोलन करने की बजाये वह शराब की फिक्र में पड़े हैं। यही कारण रहा कि मंगलवार को अगस्त्यमुनि के छात्र संघ के पदाधिकारी अपने शहर की दुकान छोड़ जिला मुख्यालय स्थित शराब की दुकान का विरोध करने पहुंच गए। बाहरी तौर पर वह इस बात का विरोध कर रहे थे कि शराब का रेट कम होने से बच्चे भी शराब खरीदने को प्रेरित हो रहे हैं। जबकि दुकान संचालक बार-बार कहते हैं कि छात्र संघ के पदाधिकारियों की ओर से शराब की दुकान से शराब ली जा रही है। जबकि उनका इनसे कोई लेना देना नहीं है। उधर, रुद्रप्रयाग स्थित शराब की दुकान के सेल्समैन कल्लू जोशी ने बताया कि शराब की दुकान में फिक्स रेट पर ही शराब दी जा रही है, छात्रों का आरोप निराधार है।