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गौरीकुंड तक खुला पैदल मार्ग

संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: गुरूवार को केदारनाथ में जरूरी सामान की आपूर्ति हेलीकॉप्टर से जारी रही। वह

By Edited By: Published: Thu, 18 Dec 2014 07:19 PM (IST)Updated: Thu, 18 Dec 2014 07:19 PM (IST)
गौरीकुंड तक खुला पैदल मार्ग

संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: गुरूवार को केदारनाथ में जरूरी सामान की आपूर्ति हेलीकॉप्टर से जारी रही। वहीं हेलीपैड निर्माण भी शुरू हो गया है। गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग को भी घोड़-खच्चरों की आवाजाही के लिए खोल दिया गया है। केदारनाथ में गत तीन दिनों से ठप पड़ी विद्युत आपूर्ति सुचारू हो गई है।

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गुरूवार को हेलीकॉप्टर से 500 लीटर मिट्टी तेल व 200 लीटर डीजल पहुंचाया गया। कुल छह चक्कर में यह सामग्री पहुंचाई गई। प्रीफेब्रिकेट हटों के निर्माण से संबंधित सामग्री शुक्रवार को घोड़े-खच्चरों के माध्यम से पैदल मार्ग से पहुंचाई जाएगी। पैदल मार्ग पर केदारनाथ से लिनचोली के बीच दो फीट तक बर्फ पड़ी थी, इसे हटाकर निम ने आवाजाही के लिए पैदल मार्ग गौरीकुंड तक खोल दिया है। निम ने आज दो सरकारी भवनों को तोड़ा। अब तक कुल 14 भवन तोड़े जा चुके हैं। जबकि कुल 46 भवनों को तोड़ा जाना है। निम के प्रधानाचार्य कर्नल अजय कोठियाल ने बताया कि केदारनाथ में लगातार तापमान का अध्ययन किया जा रहा है। इसकी जानकारी वायु सेना के अधिकारियों को भी दी जा रही है। एमआई-26 के लैंडिंग के लिए यह जानकारी जरूरी होती है। उन्होंने बताया कि केदारनाथ में विद्युत आपूर्ति बहाल हो गई है। ऊर्जा निगम के सहायक अभियंता अक्षय भट्ट व अन्य कर्मचारियों की कड़ी मेहनत से यह संभव हो पाया है। बर्फ में भी विद्युत लाइनें ठीक की गई। विद्युत आपूर्ति सुचारू होने से काफी हद तक रोजमर्रा में आने वाली दिक्कतें दूर हो गई हैं। एमआई-26 के लिए बनाए जा रहे हेलीपैड का शेष बचा 10 मीटर कंक्रीट का निर्माण भी शुरू हो गया है। कर्नल ने बताया कि जरूरी सामान की आपूर्ति के लिए गुप्तकाशी में हर समय एक हेलीकाप्टर खड़ा है। जिसने आज डीजल व मिट्टी तेल की आपूर्ति की गई।

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