कैबिनेट की बैठक से तीर्थपुरोहित असंतुष्ट
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: केदारनाथ धाम में सोमवार को हुई राज्य सरकार की कैबिनेट बैठक को लेकर तीर्थप
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: केदारनाथ धाम में सोमवार को हुई राज्य सरकार की कैबिनेट बैठक को लेकर तीर्थपुरोहित अपने को ठगा महसूस कर रहे हैं। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने तीर्थ पुरोहितों के हितों की बात तो की, लेकिन हित कैसे होगा, यह नहीं बताया। वहीं कांग्रेसी विधायक शैलारानी रावत ने बैठक को ऐतिहासिक बताया।
तयशुदा कार्यक्रम से एक दिन पूर्व बीस अक्टूबर का केदारनाथ में हरीश रावत सरकार की कैबिनेट बैठक हुई। बैठक को लेकर कई कयास लगाए जा रहे थे। यह संभावना जताई जा रही थी कि नई केदारपुरी बसाने को लेकर अंतिम मसौदा तीर्थपुरोहितों के सम्मुख रखा जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अभी भी यह स्पष्ट नहीं हुआ कि केदारनाथ के सुरक्षित भवनों को तोड़ा जाएगा या नहीं। केदारनाथ में सरस्वती व मंदाकिनी नदी के बीच किस तरह से प्रभावित परिवारों को बसाया जाएगा, इस पर भी निर्णय नहीं हुआ।
तीर्थपुरोहित श्रीनिवास पोस्ती का कहना है कि बैठक को लेकर तीर्थपुरोहितों में काफी उत्सुकता थी कि कोई महत्वपूर्ण निर्णय उनके पक्ष में होगा, लेकिन नई केदारपुरी कैसे बसेगी अभी भी यह प्रश्न पुरोहितों के मन में है। उन्होंने कहा कि उन्होंने सर्वदयील बैठक में अपनी बात रखी, लेकिन अधूरी बात कहने के बाद ही उन्हें बैठा दिया गया। तीर्थपुरोहित दिनेश बगवाड़ी ने कहा कि कैबिनेट बैठक पूरी तरह नाटक थी। मात्र दिखावे के लिए यह बैठक आयोजित की गई।
वहीं विधायक केदारनाथ शैलारानी रावत ने कहा कि केदारनाथ की कैबिनेट बैठक ऐतिहासिक थी। कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। कुछ निर्णय ओर लिए जाने हैं वह विचार विमर्श के बाद ले लिए जाएंगे।