मंगलवार को मायके प्रस्थान करेगी हरियाली देवी
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: प्रसिद्ध सिद्धपीठ मां त्रिपुरा बाला सुंदरी वैष्णों माता (हरियाली देवी) 21
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: प्रसिद्ध सिद्धपीठ मां त्रिपुरा बाला सुंदरी वैष्णों माता (हरियाली देवी) 21 अक्टूबर अपने ससुराल हरियाली कांठा के लिए प्रस्थान करेगी। बुधवार को सूरज की पहली किरण के साथ मंदिर में प्रवेश करेगी। यहां दो पल रुकने के बाद देवी अपने ससुराल जसोली के लिए वापस प्रस्थान करेगी।
प्रत्येक वर्ष धनतेरस के दिन आयोजित की जाने वाली हरियाली की कांठा यात्रा को भी इस बार भी बड़ी भव्य रुप से मनाई जाएगी। मंगलवार को ससुराल से जसोली में स्थित हरियाली देवी में विशेष पूजा अर्चना की जाएगी। इसके पश्चात मंदिर के गर्भ गृह से हरियाली देवी को बाहर निकाला गया। सांय होते ही शुरू होती है हरियाली कांठा की यात्रा। यात्रा के दौरान हरियाली देवी की डोली अपने पहले पड़ाव बासों में विश्राम करेगी। कुछ समय यहां पर ठहरने के बाद फिर से डोली अपने मायके लिए चल पड़ती है। हरियाली देवी पंचरंग्या स्थान पर स्थान भी करती है। जैसे ही डोली मंदिर के समीप पहुंचती है तो मायके पक्ष के लोग डोली की अगुआई करते है। दो पल रुकने के बाद फिर से हरियाली देवी अपने ससुराल जसोली के लिए वापस लौट जाएगी। जसोली पहुंचने के बाद यहां मंदिर में एक मेले का आयोजन किया जाएगा। हरियाली देवी की पांच किमी लंबी यात्रा को पैदल ही किया जाता है। इस यात्रा के लिए एक सप्ताह पूर्व ही तामसी भोजन का त्याग करना पड़ता है। धनपुर क्षेत्र के हरियाली देवी के मायके पक्ष के है। जबकि रानीगढ़ क्षेत्र के ससुराल वाले होते है। जसोली मंदिर के पुजारी सच्चिदानंद चमोली ने बताया कि मेले को सफल बनाने के लिए सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई है।