आम आदमी की सेहत को खतरा
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: सरकार ने आम नागरिक की फूड सेफ्टी के लिए एक्ट तो बनाया है, लेकिन इसके जिले
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: सरकार ने आम नागरिक की फूड सेफ्टी के लिए एक्ट तो बनाया है, लेकिन इसके जिले में बुरे हाल हैं। जनपद के तीनों तहसीलों में तहसील स्तर के खाद्य सुरक्षा अधिकारियों के पद रिक्त चल रहे हैं। ऐसे में खाद्य सुरक्षा का अंदाजा लगाया जा सकता है।
केन्द्र सरकार की ओर से 5 अगस्त 2011 में सभी खाद्य कारोबार पर नजर रखने के लिए खाद्य सुरक्षा मानक विभाग का गठन किया था। इस विभाग का कार्य खाद्य पदार्थो की जांच करने के साथ ही जनता एवं व्यापारियों को मिलावट के प्रति जागरूक करना था। जनपद में यह विभाग स्टाफ स्ट्रक्चर विंग के नाम पर सीएमओ कार्यालय में एक कमरे में संचालित हो रहा है। अधिकारियों के न होने से खाद्य पदार्थो के नमूनों की जांच नहीं हो पाती है। जनपद के रुद्रप्रयाग, जखोली व ऊखीमठ तहसीलों में तहसील स्तर के खाद्य सुरक्षा अधिकारी नहीं है। खाद्य सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी मुख्यालय में बैठकर मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी पर ही है। वे ही तीनों तहसीलों के व्यापारिक प्रतिष्ठानों का चैकिंग व निरीक्षण करते हैं। वहीं, बात करें सैंपलिंग की तो उधम सिंह नगर में जन विश्लेषक का पद खाली चल रहा है। इसके चलते जनपद से भेजे जाने वाले नमूनों की सैंपलिंग नहीं हो पा रही है। जबकि होली के दौरान भेजे गए सैंपलों की रिपोर्ट प्राप्त नहीं हो पाई है। सरकार ने गत 5 सितम्बर से सभी खाद्य प्रतिष्ठानों के लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया ऑनलाइन कर दी है। लेकिन कंप्यूटर आपरेटर समेत अन्य स्टाफ न होने से कैसे इस योजना को अंजाम दिया जा सकेगा, यह सोचने का विषय है।
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जांच के लिए भेजे गए नमूने
वर्ष 2013 में 75
वर्ष 2014 में 62
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-अब तक जिले से कुल 162 नमूने जांच के लिए भेजे गए, जिसमें 113 की रिपोर्ट आई है, जबकि 49 नमूनों की रिपोर्ट नहीं आई है।
-8 नमूनों की रिपोर्ट में खामियां पाई गई हैं, जिनमें से दो मामलों में दस हजार जुर्माना हुआ है और अन्य मामले न्यायालय में हैं।
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'खाद्य सुरक्षा विभाग में कर्मचारियों की तैनाती न होने से दिक्कत आ रही है। विभाग द्वारा समय-समय पर चैकिंग अभियान चलाकर खाद्य पदार्थो के सैंपल लिए जाते हैं।'
एएस रावत, जिला खाद्य अधिकारी, रुद्रप्रयाग।