Move to Jagran APP

पीड़ितों को पीड़ा दे रही ट्रॉलियां

By Edited By: Published: Mon, 15 Sep 2014 01:01 AM (IST)Updated: Mon, 15 Sep 2014 01:01 AM (IST)
पीड़ितों को पीड़ा दे रही ट्रॉलियां

संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: केदारघाटी के आपदा प्रभावित क्षेत्र में लोगों को राहत देने को लगाई गई ट्रॉलियां उन्हीं के लिए आफत बन गई हैं। सरकारी मशीनरी की लापरवाही का खामियाजा केदारघाटी के ग्रामीण भुगत रहे हैं। घाटी में ग्रामीणों की आवाजाही के लिए लगायी गई ट्रॉलियां ग्रामीणों के लिए जानलेवा साबित हो रही है। इसमें कई घटनाएं घटित हो चुकी हैं। आपदा को 15 माह बीत चुके हैं, लेकिन प्रभावित क्षेत्र पुल से नहीं जुड़ पाए हैं। ऐसे में यहां का जीवन आज भी ट्राली के जुगाड़ के सहारे जीवन सरक रहा है।

loksabha election banner

बीते जून माह में मंदाकिनी नदी में आई विभीषिका में केदारघाटी के विभिन्न गांवों को जोड़ने वाले छोटे बड़े लगभग तीस पुल बह गए थे। इस पुलों के बह जाने से विभिन्न गांवों का संपर्क अन्य क्षेत्रों से कट गया था। ग्रामीणों को बुनियादी सुविधाओं के लिए कई किमी पैदल चलकर आवाजाही करनी पड़ रही थी। इसके बाद सरकार ने विभिन्न स्थानों पर ट्रालियों का निर्माण किया जिससे प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीण सुगम आवाजाही कर सकें लेकिन ये ट्रॉलियां आज पीड़ित गांवों को लोगों को पीड़ा पहुंचा रही हैं। इन ट्रालियों में कई घटनाएं घटित हो चुकी है। कई लोग तो इसमें से नीचे गिर गए हैं जबकि कई लोगों की हाथ कट गए हैं। गत शनिवार को जो हुआ उससे तो यही लग रहा है कि अब ये आपदा प्रभावित क्षेत्र के लोगों को पीड़ा पहुंचा रही हैं। इन ट्रालियों से आवाजाही करना खतरे से खाली नहीं है, लेकिन ग्रामीण करें भी क्या करें। इनसे आवाजाही करना ग्रामीणों की नियति का एक हिस्सा बन गया है। केदारघाटी में आई आपदा के बाद देश के सभी सांसदों ने एकजुट होकर सांसद निधि से 20 करोड़ से ज्यादा की स्वीकृति दी, लेकिन आज तक ग्रामीणों की आवाजाही अस्थाई पैदल पुल व ट्रालियों के जरिए ही हो रही है। कब क्या हो जाए, किसी को पता नहीं है।

'आपदा को 15 माह बीत गए हैं। अभी तक बहे हुए पुलों के स्थान पर ट्रॉलियां ही चल रही हैं जबकि अब तक इन पर पुलों का निर्माण किया जाना चाहिए था।'

महेंद्र सिंह, आपदा प्रभावित

'ट्रालियों में लगातार हो रही घटनाओं से ग्रामीणों में भय है। ग्रामीण इनसे आवाजाही करने में कतरा रहे हैं।'

नीतू सिंह, चंद्रापुरी

'पुल निर्माण के लिए सभी प्रक्रियाएं पूर्ण कर ली गई है। शीघ्र ही सभी का निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा।'

प्रवीण कुमार, अधिशासी अभियंता लोनिवि ऊखीमठ।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.