सिरोबगड़ के प्रति गंभीर नहीं बीआरओ
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: विगत चार दशकों से लोगों के लिए मुसीबत बना सिरोबगड़ स्लाइडिंग जोन का कोई स्थाई समाधान नहीं हो पाया है। प्रत्येक वर्ष यहां पर पहाड़ी से भारी मात्रा में पत्थर गिरते है, लेकिन बीआरओ को इसको ठीक करने के लिए कोई ठोस उपाय नहीं सूझा है।
बदरीनाथ हाईवे पर स्थित सिरोबगड़ विगत चार वर्षो से जनपद चमोली व रुद्रप्रयाग के लोगों के लिए मुसीबत बना हुआ है। श्रीनगर व रुद्रप्रयाग के मध्य हाईवे पर इस स्लाइडिंग जोन की चुनौती को पार करना लोगों के लिए खतरे से कम नहीं है। यह समस्या आज की नहीं बल्कि विगत चार वर्षो से बनी हुई है। इन दोनों जनपद के अलावा अंर्तराष्ट्रीय सीमा के लिए भी आवाजाही होती है। हाईवे प्रभावित होने से लगभग दस लाख की जनसंख्या सीधे तौर पर प्रभावित होती रहती है। बरसात के दिनों में तो यहां पर स्थिति और भी विकट हो जाती है। आए दिन मार्ग बाधित होता रहता है।
यह हैं समस्याएं
-अक्सर मलबा आने से यहां पर मार्ग रहता है बंद, घंटो इंतजारी करनी पड़ती है यात्रियों को
-24 घंटे मार्ग बंद होने की स्थिति में चमोली व रुद्रप्रयाग जिले में आवश्यक सामग्री, सब्जी, दूध की हो जाती है किल्लत
-बदरी-केदारनाथ जाने वाले यात्रियों को भी जूझना पड़ता है इस परेशानी से
-यहां पर हर समय बना रहता है दुर्घटना का खतरा, लगातार पहाड़ी से गिरते रहते हैं पत्थर
-पिछले तीन वर्षो से 32 वाहन क्षतिग्रस्त व 19 लोग हो चुके हैं यहां पर घायल
सिरोबगड़ में मार्ग अवरुद्ध होने की स्थिति में बीआरओ को सूचना दे दी जाती है। साथ ही यहां पर बीआरओ को मलबा हटाने के लिए मशीने हर समय तैनात रखने को कहा गया है।
सीएस चौहान
उप जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग