चौदह विभागों को भवन का इंतजार
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: जिले के एक दर्जन से अधिक विभाग जीएमवीएन व निजी किराये के भवनों में संचालित हो रहे हैं। विकास भवन निर्माण के लिए आठ करोड़ से भी अधिक धनराशि मिलने के बाद भी निर्माण इकाई आरईएस पिछले सात वर्ष में केवल तीस फीसद ही निर्माण कार्य कर पाया है।
जनपद गठन के लगभग डेढ़ दशक से भी अधिक समय गुजरने के बाद भी अभी विकास की रूपरेखा तय करना वाला विभाग ही नहीं बन सका है। स्थिति यह है कि एक दर्जन से अधिक महत्वपूर्ण विभागों के पास अभी अपने भवन तक मौजूद नहीं हैं। जिसके चलते किराए के भवनों पर तमाम अव्यवस्थाओं के बीच कार्यालय संचालित हो रहे हैं। जनपद निर्माण के दौरान से विकास विभाग के कार्यालय गढ़वाल मंडल विकास निगम के अतिथि गृह में संचालित होता आ रहा हैं। जबकि शासन से विकास भवन के निर्माण के लिए वर्ष 2006-07 में 8 करोड़ 39 लाख 14 हजार रुपये की धनराशि स्वीकृत हो चुकी थी। भवन का निर्माण के लिए नव निर्मित जिला कलक्ट्रेट के समीप बेला-खुरड में भवन निर्माण के लिए 1.404 हेक्टेयर भूमि चयनित की गई थी, लेकिन सात वर्ष से भी अधिक समय गुजर जाने के बाद अभी तक भी भवन बनकर तैयार नहीं हो पाया है। निर्माणदायी संस्था ग्रामीण सेवा अभियंत्रण विभाग(आरईएस)अभी तक कुल मिलाकर लगभग 30 फीसद कार्य ही कर पाया है।
कार्यदायी संस्था कहना है कि जिस ठेकेदार के साथ पहले टेंडर का अनुबंध किया गया था, वह निर्माण कार्य बहुत शिथिलता बरत रही थी। ऐसे में उक्त ठेकेदार का अनुबंध अर्थदंड के साथ निरस्त किया गया। इसके बाद योजना के लिए दो बार निविदा की गई। नवम्बर माह 2013 में दूसरे ठेकेदार के साथ अनुबंध किया गया।
योजना की स्थिति
विकास भवन का निर्माण
स्वीकृत वर्ष-2006-07
कुल लागत- 839.14 लाख रुपये
कार्य की प्रगति-30 फीसद
यह विभाग होंगे भवन में शिफ्ट-
ग्राम्य विकास, जिला विकास विभाग, डीआरडीए, उद्यान, समाज कल्याण, मत्स्य, बाल विकास, पंचायतीराज, पूर्ति विभाग, कृषि विभाग, जलागम, आरईएस, लघु सिंचाई, अर्थ एवं संख्याकिधिकारी विभाग।
भवन निर्माण कार्य में धीमी प्रगति के चलते संबंधित ठेकेदार पर अर्थदंड के साथ उसका अनुबंध निरस्त किया गया। योजना के लिए पुन: दो निविदा करने के बाद अब निर्माण कार्य तेजी से किया जा रहा है।
केसी डिमरी
अधिशासी अभियंता आरईएस, रुद्रप्रयाग