फार्मेसिस्ट के भरोसे केदारघाटी के वाशिंदे
संवाद सूत्र, फाटा: फाटा स्थित अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में डाक्टरों एवं पर्याप्त स्टाफ की तैनाती न होने के कारण लोगों का इसका समुचित लाभ नहीं मिल पा रहा है। दूरस्थ क्षेत्र की जनता को उपचार कराने के लिए कई किमी का सफर तय करना पड़ता है।
केदारनाथ घाटी के मुख्य कस्बे फाटा में अतिरिक्त सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में विगत लंबे समय से डाक्टरों एवं अन्य कर्मचारियों का टोटा बना हुआ है। चिकित्सालय में दो डाक्टरों के साथ-साथ लैब टेक्निशियन, स्टाफ नर्स, फार्मेसिस्ट, वार्ड ब्वाय के पद स्वीकृत हैं, लेकिन वर्तमान समय में यहां मात्र एक फार्मेसिस्ट, वार्ड ब्वाय एवं सफाई कर्मी की तैनाती की गई है। इन्हीं लोगों के जिम्मे क्षेत्र की पंद्रह हजार की आबादी है। यह स्वास्थ्य केंद्र इसलिए भी अहम है क्योंकि यह केदारनाथ यात्रा का अहम पड़ाव है। केदारनाथ आने वाले तीर्थ यात्रियों का इस चिकित्सालय में स्वास्थ्य उपचार किया जाता है। वर्तमान समय में शासन प्रशासन की उपेक्षा के चलते चिकित्सालय शोपीस बना हुआ है। उत्तर प्रदेश के समय में इस अस्पताल को एम्बुलेंस मिली थी, जिसे यहां से हटाकर ऊखीमठ शिफ्ट कर दिया गया है। जबकि इस वाहन को अस्पताल में स्थाई रूप से रखने के आदेश हुए थे।
व्यापार संघ अध्यक्ष किशोरी सिंह सजवाण, विष्णुकांत कुर्माचली, पूर्व क्षेपंस राजाराम सेमवाल, सूर्यभागा देवी आदि लोगों का कहना है कि यहां पर स्वास्थ्य के प्रति उचित सुविधा न होने के कारण कई बार लोगों को गंभीर खामियाजा भुगतना पड़ता है। उन्होंने कहा कि चिकित्सालय में शीघ्र ही कर्मचारियों की तैनाती की जाए जिससे लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें।