यात्री बढ़े तो गड़बड़ाएगी व्यवस्था
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: आपदा के बाद केदारनाथ धाम में तबाह हुई बुनियादी व्यवस्थाएं पटरी पर लाना प्रशासन के लिए कड़ी चुनौती है। पूर्व में प्रशासन केदारनाथ मंदिर व यात्रा पड़ाव पर दो से पांच सौ यात्रियों के रहने की व्यवस्था में जुटा था, लेकिन मुख्यमंत्री ने एक हजार यात्रियों के लिए धाम में व्यवस्था जुटाने की घोषणा कर दी। इससे अधिकारी परेशान हैं। फिलवक्त जो हालात हैं उससे नहीं लगता कि इतनी बड़ी संख्या में यात्रियों के लिए व्यवस्था हो सकेगी।
केदारनाथ मंदिर के कपाट खुलने में कुछ ही दिन शेष हैं। आपदा के बाद केदारनाथ में विद्युत, पैदल मार्ग, पानी, खाना व रहने समेत सभी बुनियादी सुविधाएं ध्वस्त हो गई थी। प्रशासन सुविधाएं दोबारा बहाल करने में जुटा है, लेकिन विपरीत परिस्थितियों में चलते नहीं लगता कि समय से सुविधाएं बहाल हो पाएंगी। केदारनाथ की स्थिति देखते हुए सरकार ने पूर्व में प्रतिदिन दो से पांच सौ यात्रियों के रहने व खाने की व्यवस्था की बात कही थी, लेकिन अब मुख्यमंत्री ने एक हजार यात्रियों के लिए व्यवस्थाएं जुटाने की घोषणा की है। केदारनाथ में मौसम खराब है। ऐसे में सीमित व्यवस्थाएं ही जुटाई जा सकती हैं। एक हजार यात्रियों की व्यवस्था कैसे होगी, यह अहम मसला है। हालांकि शासन व प्रशासन केदारनाथ में यात्रा व्यवस्थाएं बनाने में लगे हैं।
नहीं बने हट
यात्रा पड़ाव समेत पैदल मार्ग पर यात्रियों के लिए प्री-फेब्रिकेट हट का निर्माण होना था, लेकिन अभी इनका निर्माण शुरू नहीं हो पाया। आगामी 4 मई को केदारनाथ के कपाट खुलने है। इतनी जल्द कैसे व्यवस्थाएं होगी यह सबसे बड़ा सवाल है।
यह व्यवस्था जुटाना जरूरी
पानी, खाना, दवाई, बिजली, रहने के लिए प्री-फेब्रिकेट हट व टेंट
वर्तमान स्थिति
अभी केदारनाथ में कोई भी बुनियादी सुविधा बहाल नहीं हुई है।
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यात्रियों के रहने, खाने की समुचित व्यवस्था केदारनाथ व पड़ाव स्थलों पर की जाएगी। प्री-फेब्रिकेट हट का निर्माण भी जल्द कर दिया जाएगा।
-डॉ. राघव लंगर, जिलाधिकारी, रुद्रप्रयाग