अकबर के बिना तैयार नहीं होते रावण के पुतले
संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़: पिथौरागढ़ नगर की रामलीला सांप्रदायिक सद्भाव की मिसाल रही है। हर ध
संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़: पिथौरागढ़ नगर की रामलीला सांप्रदायिक सद्भाव की मिसाल रही है। हर धर्म और वर्ग के लोगो की इस आयोजन में भूमिका रही है। यह भूमिका आज से नहीं वरन 121 वर्षो से चली आ रही है।
साठ से अस्सी के दशक में रामलीला के कई पात्रों की भूमिका मुस्लिम धर्म के लोग ही निभाते रहे। इनमें रावण की भूमिका निभाने वाले अक्कू सेठ का नाम आज भी लोगों की जुवां पर रहता है। उनकी दमदार आवाज और अभिनय युवा पीढ़ी को प्रेरणा देता रहा। पर्दे के पीछे मेकअप मैन का काम शाहिद खान और हबीव बख्श वर्षो से करते आ रहे हैं। कलाकारों के चेहरों पर पात्र के मुताबिक मेकअप में इन दोनों को महारथ हासिल है।
अभिनय, मेकअप के अलावा तीसरा मुख्य काम पुतलों के निर्माण में भी मुस्लिम धर्मावलंबियों का विशेष योगदान रहता है। युवा सामाजिक कार्यकर्ता अकबर खान इस काम का जिम्मा संभालते हैं। वे पिछले एक दशक से नगर के पुराना बाजार में रावण परिवार के पुतले तैयार करते हैं। अकबर पुराना बाजार में पुतले तैयार करते देख ही बड़े हुए हैं। अकबर नवरात्र के पहले दिन से पुतले बनाने का काम शुरू करते हैं और लंका दहन तक सारे पुतले तैयार कर लेते हैं। इसके लिए वे पुराना बाजार क्षेत्र के तमाम लोगों का सहयोग लेते हैं। अकबर का मानना है कि नगर की रामलीला हमेशा से साप्रदायिक सद्भाव की मिसाल रही हैं। उनके पूर्वजों ने रामलीला आयोजन में किसी न किसी रू प में सहयोग दिया। वर्तमान में वे इस काम को अंजाम दे रहे हैं और भविष्य में अपने बच्चों को भी समाज में खाईयां दूर करने वाले काम करने के लिए प्रेरित करेंगे।
आज से शुरू होगी ऐतिहासिक सदर रामलीला
पिथौरागढ़: नगर की ऐतिहासिक सदर रामलीला का मंचन आज से शुरू होगा। वर्ष 1897 में रामलीला का पहला मंचन हुआ। तत्कालीन डिप्टी कलक्टर देवीदत्त मकड़िया के प्रयासों से लंदन फोर्ट के निकट मैदान में रामलीला आयोजन शुरू हुआ। सारंगी की धुन पर होने वाली रामलीला के पहले सारंगी वादक हरकराम थे। उन्हें तबले पर संगत जैंतराम ने दी थी। रामलीला कमेटी के सचिव दीपक गुप्ता ने बताया कि इस वर्ष अत्याधुनिक तकनीक रामलीला मंचन में उपयोग की जाएगी।