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पैराग्लाइडिंग पर नहीं लगेगा मनोरंजन कर

संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़: पर्वतीय क्षेत्रों में व्यावसायिक पैराग्लाइडिंग अब मनोरंजन कर नहीं लगेगा, हा

By JagranEdited By: Published: Thu, 23 Feb 2017 01:00 AM (IST)Updated: Thu, 23 Feb 2017 01:00 AM (IST)
पैराग्लाइडिंग पर नहीं लगेगा मनोरंजन कर
पैराग्लाइडिंग पर नहीं लगेगा मनोरंजन कर

संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़: पर्वतीय क्षेत्रों में व्यावसायिक पैराग्लाइडिंग अब मनोरंजन कर नहीं लगेगा, हालांकि राज्य में अभी पैराग्लाइडिंग व्यावसायिक रूप में नहीं हो रही है। इसे टैक्स फ्री कर दिए जाने से भविष्य में इसका बढ़ावा मिलने की उम्मीद बन रही है।

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देश के तमाम हिमालयी राज्यों में व्यावसायिक पैराग्लाइडिंग हो रही है। हिमाचल प्रदेश इसमें खासा आगे है। देश दुनिया के तमाम पायलट पैराग्लाइडिंग यहां पहुंचते हैं। पर्यटन को बढ़ावा देने में इसकी साहसिक खेल की खासी भूमिका है। हिमाचल की तर्ज पर उत्तराखंड में भी व्यावसायिक पैराग्लाइडिंग की कोशिशें चल रही है। इसी क्रम में बीते वर्ष राज्य के पिथौरागढ़ जिले में अंतरराष्ट्रीय पैराग्लाइडिंग का आयोजन हुआ था। सरकार ने पहले इस साहसिक खेल को मनोरंजन कर के दायरे में शामिल किया था। दिसंबर माह में पैराग्लाइडिंग को मनोरंजन कर के दायरे से मुक्त कर दिया गया है। इस नए फैसले से राज्य के पर्वतीय जिलों में व्यावसायिक पैराग्लाइडिंग बढ़ने की उम्मीद है।

जिले के मनोरंजन कर अधिकारी शंकर आर्या ने बताया कि जिले में अभी तक पैराग्लाइडिंग का कोई व्यावसायिक आयोजन नहीं हुआ है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर की एक प्रतियोगिता के अलावा केवल पैराग्लाइडिंग के प्रशिक्षण ही यहां चल रहे हैं। मनोरंजन कर मुक्त हो जाने से भविष्य में व्यावसायिक पैराग्लाइडिंग पहाड़ों में शुरू हो सकती है। उत्तराखंड पैराग्लाइडिंग एसोसिएशन के सचिव शंकर सिंह ने इस फैसले को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि व्यावसायिक पैराग्लाइडिंग को इससे प्रोत्साहन मिलेगा।

रिवर राफ्टिंग कर के दायरे में

पिथौरागढ़: प्रदेश में पैराग्लाइडिंग मनोरंजन कर से मुक्त हो गई है, लेकिन रिवर राफ्टिंग अभी इस कर के दायरे में है। सीमांत जिले पिथौरागढ़ की तीन नदियों में समय-समय पर राफ्टिंग का आयोजन होता रहता है, लेकिन यह आयोजन फिलहाल प्रशिक्षण तक ही सीमित है। मनोरंजन कर अधिकारी ने बताया कि व्यावसायिक राफ्टिंग कराए जाने पर 25 प्रतिशत मनोरंजन कर देना होगा।

पहाड़ में मल्टीप्लैक्स लगाने पर पांच साल की छूट

पिथौरागढ़: पर्वतीय क्षेत्रों में अभी मल्टीप्लैक्स कल्चर शुरू नहीं हुआ है। जिला मुख्यालय का एकमात्र सिनेमा हाल भी पिछले एक डेढ़ दशक से बंद पड़ा हुआ है। सरकार ने अब सिनेमा को उद्योग की श्रेणी में शामिल कर लिया है। पर्वतीय क्षेत्रों में मल्टीप्लैक्स लगाए जाने पर मनोरंजन कर में शत प्रतिशत छूट का प्राविधान किया गया है। यह छूट पांच सालों के लिए दी गई है।

जिले से मिल रहा आठ लाख का मनोरंजन कर

पिथौरागढ़: सीमांत जिले पिथौरागढ़ से प्रति माह आठ लाख रु पए का मनोरंजन कर सरकार को मिल रहा है। यह बढ़ोत्तरी भी मनोरंजन माध्यमों के डिजिटलाइजेशन के बाद हुई है। मनोरंजन कर अधिकारी शंकर आर्या ने बताया कि साढ़े छह लाख रु पया डीटीएच सेवाओं से और डेढ़ लाख रु केबिल नेटवर्क से प्राप्त हो रहा है। डिजिटलाइेशन से पूर्व जिले से मात्र दो लाख रु पये का राजस्व मिल रहा था।


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