इस गांव के युवकों को नहीं मिल रही दुल्हन, कारण जानकर चौंक जाएंगे आप...
पिथौरागढ़ जनपद की थल तहसील का दाफिला ऐसा गांव है, जहां के युवकों से शादी के लिए लोग बेटी देने से मना कर देते हैं। यहां एक किलोमीटर दूर से पानी लाने की समस्या के चलते ऐसा हो रहा है।
थल, पिथौरागढ़ [जेएनएन]: पिथौरागढ़ जनपद की थल तहसील का दाफिला गांव ऐसा गांव है, जहां के युवकों से शादी के लिए लोग बेटी देने से मना करने लगे हैं। कारण यह है कि इस गांव में पानी की समस्या है और महिलाओं को एक किलोमीटर दूरी से पानी लाना पड़ता है। इसी समस्या के चलते सात परिवारों ने इस गांव से पलायन भी कर लिया।
पिथौरागढ़ जिला मुख्यालय से करीब 55 किलोमीटर दूर स्थित दाफिला गांव आपदा प्रभावित गांव है। गत 30 जून की रात इस गांव में बादल फटने से तबाही मची थी। एक तरफ आपदा का दंश तो दूसरी तरफ वर्षों से पेयजल समस्या झेल रहे ग्रामीणों का मनोबल भी अब टूटने लगा है।
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यही कारण है कि सात परिवारों ने यह गांव छोड़ दिया है। विभागीय लापरवाही का शिकार बने इस गांव की कोई सुध भी नहीं ले रहा है। गांव के लिए स्वीकृत पेयजल योजना की डीपीआर दाफिला तक बनी है, लेकिन धरातल पर योजना गोचर तक ही है।
ऐसे में पानी के लिए ग्रामीणों को प्रतिदिन एक किमी दूर गोचर से पानी लाना पड़ रहा है। जल संस्थान, पेयजल निगम यहां तक कि स्वजल तीनों महकमों ने ग्रामीणों के साथ खिलवाड़ किया है। इस गांव में 30 परिवार निवास करते हैं और गांव की जनसंख्या 97 है। गांव तक पेयजल योजना स्वीकृति के बाद भी पेयजल नसीब नहीं है।
इस गांव में युवाओं का जब कहीं रिश्ता तय होता है तो परिजन पानी की समस्या से पहले ही अवगत करा देते हैं। ऐसे में वधु पक्ष के लोग रिश्ता तोड़ने में ही बेटी की भलाई समझ रहे हैं।
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सात परिवार कर चुके पलायन
40 वर्षीय डिगरी देवी कहती हैं कि उनके लिए पीने को पानी जुटाना एक गंभीर समस्या है। मात्र पेयजल को लेकर गांव के सात परिवारों ने हाल ही में गांव से पलायन कर दिया है। गर्मी हो या सर्दी, पानी जुटाने को दिन भर एक किमी दूर की कई बार दौड़ लगानी पड़ती है।
लड़कियां कर देती हैं यहां शादी से मना
हेमा रावत के मुताबिक गांव में ब्याह कर आने वाली नई बहू को शादी तय करते समय बताया जाता है कि गांव में एक किमी दूर से पानी लाना पड़ता है। इसे सुनकर कई लड़कियां शादी करने से मना कर देती हैं। पानी को लेकर घर, परिवार की दिनचर्या प्रभावित रहती है।
दिन भर पानी भरने में बीत जाता है समय
प्रेमा देवी के मुताबिक शादी के 12 साल हो गए हैं और रोज एक किमी दूर से दिन भर परिवार और जानवरों के लिए पानी ढोना पड़ता है। ऐसे में उनका पूरा समय पानी भरने में ही बीत जाता है। गांव के लिए बनी पेयजल योजना एक किमी दूर गोचर तक ही बनाई गई है। शिकायत भी करते हैं, परंतु कोई सुनने वाला नहीं है।
आंदोलन ही एकमात्र विकल्प
ग्राम प्रधान अठखेत दीपक भैंसोड़ा बताते हैं कि दाफिला गांव के आसपास जलस्रोत नहीं है। इसके चलते ग्राम पंचायत मद से यहां के लिए लंबी पेयजल योजना का निर्माण हो पाना संभव नहीं है। गांव के लिए स्वीकृत पेयजल लाईन गांव तक नहीं बनने के चलते अब विभागीय अधिकारियों के खिलाफ आंदोलन ही एकमात्र विकल्प रह चुका है।
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