Move to Jagran APP

पिथौरागढ़ के रास्ते बंद हो सकता है भारत चीन-व्यापार

व्यापारियों की उपेक्षा के चलते भारत-चीन व्यापार के बंद होने का खतरा मंडराने लगा है। व्यापारियों ने व्यापार का समय बढ़ाने तक भारतीय ट्रेड पास लेने से इन्कार कर दिया है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Thu, 25 May 2017 01:42 PM (IST)Updated: Fri, 26 May 2017 05:04 AM (IST)
पिथौरागढ़ के रास्ते बंद हो सकता है भारत चीन-व्यापार
पिथौरागढ़ के रास्ते बंद हो सकता है भारत चीन-व्यापार

धारचूला (पिथौरागढ़), [जेएनएन]: पिथौरागढ़ के रास्ते भारत-चीन व्यापार के बंद होने का खतरा मंडराने लगा है। ऐसा व्यापारियों की उपेक्षा से हो रहा है। व्यापारियों ने व्यापार का समय बढ़ाने तक भारतीय ट्रेड पास लेने से इन्कार कर दिया है। किसी व्यापारी ने अब तक एक भी ट्रेड पास नहीं लिया है। दोनों देशों के बीच तकलाकोट मंडी में एक जून से व्यापार शुरू होता है। व्यापारी सितंबर की बजाय अक्टूबर तक समय सीमा बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।

loksabha election banner

 भारत व चीन के बीच सीमा पर स्थित तकलाकोट मंडी में व्यापार होता है। विदेश मंत्रालय से 250 से अधिक ट्रेड पास धारचूला स्थित ट्रेड कार्यालय को पहले ही मिल चुके हैं। प्रशासन ने व्यापार की तिथि 30 सितंबर तय की है, लेकिन व्यापारी अवधि 31 अक्टूबर किए जाने की मांग कर रहे हैं। प्रशासन ने अभी तक इस पर कोई निर्णय नहीं लिया है। भारत-चीन व्यापार समिति के जीवन सिंह रौंकली का कहना है कि अक्टूबर में ही व्यापार गति पकड़ता है और इससे पहले ही व्यापार की समय सीमा खत्म कर दिए जाने का फैसला भारतीय व्यापारियों के हित में नहीं है। 

इस स्थिति में भारतीय व्यापारियों को व्यापार में नुकसान उठाना पड़ सकता है। कहा है कि जब तक व्यापार की अवधि 31 अक्टूबर तक नहीं बढ़ाई जाती है तब तक भारतीय व्यापारी ट्रेड पास नहीं लेंगे। व्यापारियों ने तर्क दिया है कि पूर्व में भी व्यापार की अवधि बढ़ाई जा चुकी है। इधर ट्रेड अधिकारी व एसडीएम आरके पांडेय ने कहा है कि व्यापारियों की मांग से जिलाधिकारी को अवगत करा दिया गया है। व्यापार की अवधि बढ़ाने का फैसला विदेश मंत्रालय स्तर पर होना है। विदेश मंत्रालय से निर्देश मिलने पर ही इस मामले में आगे कार्रवाई की जाएगी। 

दस वस्तुओं के आयात सूची पर फैसला नहीं  

भारतीय व्यापारी चीन से सामान आयात किए जाने की सूची में कंबल, रेडीमेड कपड़े, चमड़े के जूते, सूती, ऊनी कपड़े, जंबू, इलेक्ट्रॉनिक सामान, टिन की चादर, सरिया, सीमेंट आदि को भी शामिल किए जाने की मांग कर रहे हैं। इस मांग पर भी अब तक कोई फैसला नहीं हुआ है। भारत चीन व्यापार समिति के जीवन सिंह रौंकली का कहना है कि इन वस्तुओं के आयात सूची में शामिल हो जाने से कारोबार में और बढ़ोतरी होगी।

यह भी पढ़ें: भारत की मंडी में आने से कतराने लगे चीनी व्यापारी

यह भी पढ़ें: उत्‍तराखंड: राजस्व की चोरी रोक जुटाएंगे 1500 करोड़

यह भी पढ़ें: मुख्यमंत्री जी! राजस्व कमाने के और भी तरीके हैं...


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.