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पिथौरागढ़ जिले में बारिश और ओलावृष्टि से हुआ नुकसान

पिथौरागढ़ जिले के बेरीनाग और गणाईगंगोली तहसीलों पर मौसम का कहर बरपा। बारिश, ओलावृष्टि और अंधड़ से बेरीनाग के बुडेरा गांव में एक मकान क्षतिग्रस्त हो गया।

By Sunil NegiEdited By: Published: Fri, 21 Apr 2017 05:41 PM (IST)Updated: Sat, 22 Apr 2017 06:00 AM (IST)
पिथौरागढ़ जिले में बारिश और ओलावृष्टि से हुआ नुकसान
पिथौरागढ़ जिले में बारिश और ओलावृष्टि से हुआ नुकसान

पिथौरागढ़, [जेएनएन]: मुनस्यारी के बाद दूसरे दिन मौसम का कहर जिले की बेरीनाग और गणाईगंगोली तहसीलों पर बरपा। भारी बारिश, ओलावृष्टि और अंधड़ से बेरीनाग के बुडेरा गांव में एक मकान क्षतिग्रस्त हो गया। राजकीय प्राथमिक विद्यालय गराऊं के कक्ष मलबे से पट गए। वहीं सड़क टूटने से सारा मलबा गांव के घरों में घुस गया है। सेराघाट में कुलूर नदी में बना वैकल्पिक मार्ग बह चुका है। जिला मुख्यालय में देर सायं गरज के साथ बारिश हुई। वहीं, मौसम विभाग के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि प्रदेश में मौसम में बदलाव आएगा। उन्होंने बताया कि 21 और 22 अप्रैल को प्रदेश के कई हिस्सों में हल्की बारिश और कई हिस्सों में गरज के साथ वर्षा हो सकती है। इसके बाद हल्का मौसम रहेगा और तापमान में दो से तीन डिग्री की गिरावट आ सकती है।

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बेरीनाग: तहसील क्षेत्र में गुरुवार रात को भारी वर्षा और ओलावृष्टि हुई। इस दौरान चले तेज अंधड़ से बुडेरा गांव में पूरन राम का मकान क्षतिग्रस्त हो गया। पूरन राम के परिवार ने गांव में ही दूसरे के घर पर शरण ली है। इसी दौरान गराऊं गांव में निर्माणाधीन सड़क टूटने से सारा मलबा गांव में आ गया। प्राथमिक विद्यालय भवन के कक्ष मलबे से पट गए। गांव में एक दर्जन से अधिक मकानों में मलबा घुस गया। बेरीनाग बाजार में भी नालियां चौक होने से दुकानों और मकानों में पानी घुस गया। 

भारी ओलावृष्टि से फसलों को भारी क्षति पहुंची है। सड़क पर खड़े वाहनों में ओलों की मार से शीशे टूट गए। शुक्रवार को क्षेत्र के पांखू, कांडेकिरोली, पुरानाथल, खितोली, चौड़मन्या, राइआगर आदि क्षेत्र की महिलाओं ने तहसील मुख्यालय पहुंच कर एसडीएम कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया और क्षति के मुआवजे की मांग रखी। 

गणाईगंगोली: अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ की सीमा से लगे सेराघाट क्षेत्र में भारी बारिश, ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान हुआ है। कुलूर नदी के ऊफान पर आने से लोनिवि द्वारा नदी पर पुल के विकल्प में पांच लाख की लागत से बना मार्ग बह गया है। गुरुवार की रात को कुलूर नदी का जल स्तर बढ़ने से यह मार्ग बह चुका है। मार्ग बहने से क्षेत्र के बड़ोलीसेरा, नैनी, तपोला, सारतोला, किमतोला, थकलानी, नैचुना, ग्वासीकोट का शेष जगहों से संपर्क कट गया है।

जिस कारण शुक्रवार को बच्चे विद्यालय तक नहीं आ सके। क्षेत्र के ग्राम प्रधान मोहन चंद्र जोशी, सुरेश नेवलिया, परमानंद नेवलिया आदि ने कहा कि ग्रामीण अपने ही गांवों में फंस कर रह गए हैं। अभी तक किसी भी अधिकारी ने क्षेत्र की सुध नहीं ली है।

गरुड़ में हुई ओलावृष्टि, फसलों को हुआ नुकसान

तहसील क्षेत्र में दोपहर बाद मौसम ने अचानक करवट बदली।गरज के साथ ओलावृष्टि हुई। जिससे फसलों को व्यापक नुकसान पहुंचा है। दोपहर बाद गरुड़ में गरज के साथ ओलावृष्टि हुई और हल्की वर्षा भी हुई। ओलावृष्टि से गरुड़ घाटी, गोमती घाटी, लाहुर घाटी आदि क्षेत्रों में गेहूं, जौ, मसूर आदि फसलों और सब्जियों को व्यापक नुकसान पहुंचा है। इन दिनों खेतों में गेहूं की फसल खड़ी है। काश्तकार फसल पकने का इंतज़ार कर रहे हैं। कई इलाकों में गेहूं की फसल कटनी शुरु हो गई है। ओलावृष्टि से किसानों की चिंता बढ़ गयी है। साथ ही फसल समेटने में काश्तकारों को दिक्कतो का सामना करना पड़ रहा है।

मुनस्यारी में दूसरे दिन भी भारी ओलावृष्टि

सीमांत तहसील मुनस्यारी में शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन भारी ओलावृष्टि हुई। ओलावृष्टि से फसलों और फलों का व्यापक नुकसान हुआ है। तापमान कम हो जाने से लोगों को एक बार फिर गर्म कपड़े निकालने पड़ रहे हैं। 

गुरुवार से ही सीमांत तहसील में वर्षा और ओलावृष्टि हो रही है। गुरुवार रात भारी बारिश के बाद शुक्रवार दोपहर में जमकर ओलावृष्टि हुई। ओलावृष्टि से गेहूं, जौ, सरसों की तैयार फसल को भारी क्षति पहुंची है। आडू, पुलम जैसे मौसमी फल को भी खासा नुकसान पहुंचा है। दो दिनों से हो रही वर्षा और ओलावृष्टि से अधिकतम तापमान 18 डिग्री सेंटीग्रेट रह गया है। लोगों को अप्रैल माह में गर्म कपड़े निकालने पड़ रहे हैं।  

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