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न गांव छोड़ेंगे और न ही बांध बनने देंगे

जेएनएन, झूलाघाट/जौलजीवी : भारत और नेपाल के बीच काली नदी पर बन रहे पंचेश्वर बांध परियोजना का विरोध ते

By JagranEdited By: Published: Fri, 28 Jul 2017 01:00 AM (IST)Updated: Fri, 28 Jul 2017 01:00 AM (IST)
न गांव छोड़ेंगे और न ही बांध बनने देंगे
न गांव छोड़ेंगे और न ही बांध बनने देंगे

जेएनएन, झूलाघाट/जौलजीवी : भारत और नेपाल के बीच काली नदी पर बन रहे पंचेश्वर बांध परियोजना का विरोध तेज हो गया है। बांध से प्रभावित हो रहे लोगों ने इसके विरोध में नारेबाजी कर प्रदर्शन किया और किसी भी कीमत पर बांध नहीं बनने देने का एलान किया।

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झूलाघाट में महाकाली की आवाज संगठन के नेतृत्व में झूलाघाट, कानड़ी और गिठीगाड़ा के सैकड़ों लोगों ने एसबीआइ के पास एकत्रित होकर जनसुनवाई को लेकर पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का पुतला दहन किया। संगठन के संयोजक शंकर खड़ायत ने कहा कि पंचेश्वर बांध का वाप्कोस कंपनी द्वारा पर्यावरण पर किए गए अध्ययन के अनुसार अगस्त माह में सर्वाधिक वर्षा पंचेश्वर बांध के डूब क्षेत्र में होती है, वहीं बोर्ड ऐसे समय में यहां जनसुनवाई सूचनाओं के आदान-प्रदान में भारी कमी को दर्शाता है। ऐसे समय में जिला मुख्यालय पर जनसुनवाई करने का कोई औचित्य नहीं बनता है। इस मौके पर संयोजक खंड़ायत ने सभी पंचायत प्रतिनिधियों से 11 अगस्त को जिला मुख्यालय पर होने वाली जनसुनवाई स्थगित कर अपने-अपने गांवों में जनसुनवाई करवाने की मांग पत्र बोर्ड को भिजवाने की अपील की।

पंचेश्वर बांध में अंतरराष्ट्रीय जौलजीवी व्यापारिक मंडी का कोई उल्लेख नहीं होने से क्षेत्र के व्यापारियों में कड़ा आक्रोश है। व्यापार मंडल अध्यक्ष धीरेंद्र सिंह धर्मशक्तू ने कहा कि यह व्यापारिक मंडी आजादी से पूर्व अस्कोट रजवार के समय से ही स्थापित की गई है। यहां हर वर्ष नवंबर माह से एक महीने का अंतरराष्ट्रीय व्यापारिक मेला लगता है। ऐसे में डीपीआर में इसका उल्लेख नहीं किया जाना व्यापारियों के हितों के साथ खिलवाड़ है। प्रदर्शन करने वालों में ग्राम प्रधान कमला चंद, जिपं सदस्य अमर बहादुर चंद, क्षेपं सदस्य जानकी बुर्फाल, पूर्व प्रधान हरी राम, राम सिंह पाल, राजेंद्र पांगती, संजय दताल आदि शामिल थे।

तीतरी : पंचेश्वर बांध की खामियों को लेकर क्षेत्र की जनता ने केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। क्षेत्रवासियों ने कहा कि बांध बनने से व्यवसाय व छोटी-छोटी दुकान चलाकर अपनी आजीविका चलाने वाले लोगों का रोजगार छिन जाएगा। इस दौरान क्षेत्रवासियों ने एक स्वर से कहा कि न ही गांव छोड़ेंगे और न ही डैम बनने दिया जाएगा।


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