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धान रोपाई सीजन में नहरों में पानी का अकाल

संवाद सूत्र, थल: धान उत्पादन में जिले के अग्रणी गांवों में शामिल लेजम गांव के लिए बनाई गई दोनों नहरे

By JagranEdited By: Published: Sun, 25 Jun 2017 06:05 PM (IST)Updated: Sun, 25 Jun 2017 06:05 PM (IST)
धान रोपाई सीजन में नहरों में पानी का अकाल
धान रोपाई सीजन में नहरों में पानी का अकाल

संवाद सूत्र, थल: धान उत्पादन में जिले के अग्रणी गांवों में शामिल लेजम गांव के लिए बनाई गई दोनों नहरें पिछले एक साल से क्षतिग्रस्त पड़ी हुई है। नहर क्षतिग्रस्त होने से खेतों तक पानी नहीं पहुंच रहा है। किसान खेती के लिए पूरी तरह वर्षा पर निर्भर हो गए हैं। नहरों में पानी नहीं होने से इस वर्ष रोपाई को लेकर भी संदेह बना हुआ है।

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बीते वर्ष आई आपदा से गांव के लिए बनी दोनों नहरें कई क्षतिग्रस्त हो गई थी। ग्रामीण कई बार क्षतिग्रस्त नहरों को ठीक कराने के लिए सिंचाई विभाग से गुहार लगा चुके हैं, लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई पहल नहीं हुई है। ग्रामीण करीब 400 नाली भूमि में धान की खेती करते हैं। किसानों ने कहा है कि अविलंब नहरों को ठीक नहीं कराया जाता है तो ग्रामीणों को इस वर्ष धान की बुआई लगाने में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। वर्षा नहीं हुई तो किसान धान की खेती नहीं कर पाएंगे। गांव में अधिकांश लोग पूरी तरह खेती पर ही निर्भर हैं।

नहरों को ठीक कराने के लिए कई बार क्षेत्र पंचायत समिति की बैठकों में मांग उठाई जा चुकी है, विभाग कोरे आश्वासन दे रहा है। जल्द नहरों को ठीक नहीं कराया गया तो ग्रामीण आंदोलन को बाध्य होंगे।

नीमा देवी, ग्राम प्रधान, लेजम

सरकार एक ओर कृषि को बढ़ावा देने की बात कर रही है। दूसरी ओर सिंचाई जैसी मूलभूत सुविधा भी किसानों को नहीं मिल पा रही है। इस हाल में खेती की स्थिति कैसे सुधर पाएगी।

विनोद पंत, ग्रामीण

लेजम जिले के सबसे बड़े धान उत्पादक गांवों में एक है। 400 नाली भूमि में धान की खेती होती है, सरकारी उपेक्षा के चलते इस वर्ष किसानों के समक्ष धान की खेती करने दिक्कत बनी हुई है।

शांति देवी, ग्रामीण

शासन और प्रशासन खेती से जुड़े मसलों को लेकर कितने गंभीर है इसका अंदाज लेजम गांव की समस्या से लगाया जा सकता है। एक वर्ष से क्षतिग्रस्त नहरों को ठीक नहीं कराया जाना किसानों की उपेक्षा का बड़ा उदाहरण है।

रामलाल, काश्तकार

पिछली सरकार ने दैवीय आपदा में क्षतिग्रस्त सिंचाई नहरों के निर्माण के लिए धनराशि नहीं दी, जिसके चलते यह समस्या पैदा हुई है। नहरों को अब प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत ठीक कराया जाएगा, इसके लिए सिंचाई विभाग को निर्देश दे दिए गए है।

मीना गंगोला,विधायक गंगोलीहाट

पिछले वर्ष नहरों को ठीक करने के लिए बजट नहीं मिल पाया था अब दोनों नहरों को प्रधानमंत्री कृषि योजना के तहत ठीक कराया जाएगा। इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर लिए गए है।

हेम उपाध्याय, सहायक अभियंता सिंचाई विभाग


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