372 नामों पर नहीं हुआ फैसला
संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़: राज्य आंदोलनकारियों के चिह्नीकरण में शासन के नए मानक आड़े आ रहे हैं। बुधवार
संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़: राज्य आंदोलनकारियों के चिह्नीकरण में शासन के नए मानक आड़े आ रहे हैं। बुधवार को हुई चिह्नीकरण समिति की बैठक में समिति के सामने आए 372 मामलों में कोई फैसला नहीं हो सका। समिति के सदस्यों ने मानकों में बदलाव की मांग रखी।
जिलाधिकारी सी.रविशंकर की अध्यक्षता में हुई बैठक में समिति ने 372 मामलों पर चर्चा की। जिलाधिकारी ने समिति के सदस्यों ने बताया कि अब उन्हीं लोगों का आंदोलनकारी के रु प में चिह्नीकरण हो सकेगा जिनका नाम शासकीय अभिलेखों में दर्ज होगा। पूर्व में समाचार पत्र में प्रकाशित नामों को भी मानक में रखा गया था। जिलाधिकारी ने कहा कि शासनादेश के अनुसार समिति जिन आवेदनों को स्वीकृत करेगी उन्हें ही मान्यता दी जाएगी। समिति के सदस्य महेंद्र सिंह लुंठी ने जिले में चिह्नीकरण से वंचित लोगों का मामला रखा। पूर्व विधायक काशी सिंह ऐरी ने जिले के 268 पेंशन से वंचित राज्य आंदोलनकारियों का मामला रखा। समिति के सदस्यों ने शासनादेश में के शिथलीकरण के साथ ही चिह्नीकरण के लिए निर्धारित अंतिम तिथि 30 अप्रैल को बढ़ाए जाने की मांग रखी। बैठक में अपर जिलाधिकारी मुहम्मद नासिर, उपजिलाधिकारी विवेक प्रकाश, जिला विकास अधिकारी गोपाल गिरी, निरीक्षक अभिसूचना इकाई जितेंद्र उप्रेती, समिति के सदस्य गोपाल दत्त ओझा, राजेंद्र रावत, प्रेमा बम, राजेंद्र भट्ट, राजेंद्र बिष्ट आदि मौजूद थे।