बेटी के बिना सृष्टि की कल्पना करना असंभव
संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़: नवरात्र में 9 दिनों तक मां दुर्गा के 9 रू पों की पूजा-अर्चना की जाती है
संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़: नवरात्र में 9 दिनों तक मां दुर्गा के 9 रू पों की पूजा-अर्चना की जाती है और मां दुर्गा के गुणों को आत्मसात किया जाता है। इस दिन कन्या पूजन बड़ी श्रद्धा से किया जाता है, मगर इसका दुखद पहलू समाज में बढ़ती कन्या भ्रूण हत्या है। इस बात को लेकर सोमवार को हुई एक गोष्ठी में वक्ताओं ने विचार व्यक्त करते हुए सामाजिक कुरीति के विरू द्ध कार्य करने को कहा।
शिवशक्ति सदन में आयोजित गोष्ठी में सामाजिक चिंतक डॉ. तारा सिंह ने कहा कि मानव जीवन में अच्छे कर्मों के साथ धर्म एवं आध्यात्मिकता का भी विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यता के अनुसार लोग कन्या पूजन करके पुण्य लाभ की कामना करते हैं, वहीं गर्भपात जैसा महापाप करने से भी पीछे नहीं हट रहे हैं। जिस कारण बालिकाओं की संख्या में लगातार गिरावट आ रही है। इस बुराई को खत्म करने के लिए लोगों को गंभीरता से सोचना होगा, क्योंकि बेटी के बिना सृष्टि की कल्पना नहीं की जा सकती। नवरात्र में हमें बेटी को जन्म देने का संकल्प लेकर इस बुराई के अंत की शुरू आत करनी ही होगी। युवा कवि ललित शौर्य ने कहा कि जागरू कता से ही कन्या भ्रूण हत्या को समाप्त किया जा सकता है। नवरात्र में हमें इस ओर अवश्य ध्यान देना होगा। आशा बिष्ट व मंजू पांडे ने कहा कि कन्या पूजन का महत्व तभी है जब लोग बेटियों के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाएंगे। गोष्ठी में भावना धामी, आयुष जोशी, मेघा सिंह, काजल बिष्ट, शालिनी पंत, शबनम परवीन, यशराज, रणवीर, शरद उपाध्याय, पूजा, नीरज आदि मौजूद थे।