15 अप्रैल से शुरू होगी भारत चीन व्यापार की प्रक्रिया
संवाद सूत्र, धारचूला : विश्व के सबसे ऊंचे दर्रे से होने वाले भारत चीन सीमांत स्थलीय व्यापार की कार्य
संवाद सूत्र, धारचूला : विश्व के सबसे ऊंचे दर्रे से होने वाले भारत चीन सीमांत स्थलीय व्यापार की कार्यवाही आगामी 15 अप्रैल से शुरू होगी। व्यापार में भाग लेने के इच्छुक व्यापारियों और सहायकों के आवेदन मांगे जाएंगे।
प्रतिवर्ष एक जून से प्रारंभ होने वाले भारत चीन व्यापार 2017 की तैयारियां होने लगी हैं। भारत सरकार ने व्यापार में भाग लेने वाले व्यापारियों और सहायकों के आवेदन 15 अप्रैल से मांगने को कहा है। इस निर्देश के तहत 15 अप्रैल से भारत चीन व्यापार के ट्रेड कार्यालय में व्यापारी और सहायक अपने आवेदन पत्र जमा कर सकेंगे। 15 अप्रैल से 15 मई तक आवेदन पत्र जमा होंगे। इस अवधि में आवेदन करने वाले व्यापारी और सहायक ही व्यापार में भाग ले सकेंगे। एक जून के बाद किसी भी तरह के आवेदन पत्र स्वीकार नहीं होंगे। आवेदन के लिए बीते वर्षों की प्रक्रिया का पालन किया जाएगा।
अंतरराष्ट्रीय व्यापार एवं पर्यटन अधिकारी एवं उपजिलाधिकारी आरके पांडेय ने व्यापारियों और सहायकों से समस्त औपचारिकताओं के साथ 15 अप्रैल से अपने कार्यालय में आवेदन जमा करने कोकहा है। निर्धारित समय पर आवेदन करने वाले व्यापारियों और सहायकों को भी ट्रेड पास जारी होंगे। भारत चीन व्यापार वर्ष 1962 में भारत चीन युद्ध के बाद तीस वर्षों तक बंद रहा। वर्ष 1992 में दोनों सरकारों की रजामंदी से एक बार फिर लिपूलेख दर्रे से भारत चीन सीमांत स्थलीय व्यापार शुरू किया गया।
भारतीय व्यापारी जाते हैं तकलाकोट
धारचूला: भारत चीन व्यापार इस वर्ष 26वें वर्ष में प्रवेश करेगा। प्रतिवर्ष जून से लेकर अक्टूबर तक व्यापार होता है। व्यापार के लिए चीन की मंडी तिब्बत के तकलाकोट में है तो भारत की मंडी गुंजी बनाई गई है। अभी तक के व्यापार में भारतीय मंडी तक कोई भी चीनी व्यापारी नहीं पहुंचा । सभी भारतीय व्यापारी व्यापार के लिए तकलाकोट जाते हैं। इधर भारत में व्यापार अवधि तक साढ़े हजार फिट ऊंचाई पर स्थित भारतीय मंडी गुंजी में स्टेट बैंक की शाखा खुलती है। जिसमें मुद्रा विनिमय की व्यवस्था रहती है। व्यापार संचालन के लिए कालापानी में कस्टम चौकी खोली जाती है। व्यापार और कैलास मानसरोवर यात्रा के दौरान गुंजी में पुलिस थाना भी कार्य करता है।