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मुनस्यारी के सैणरांथी में खुदा पूजा आज से

संवाद सूत्र, नाचनी : तहसील मुनस्यारी के दर्जनों गांवों में होने वाली खुदा पूजा शनिवार से प्रारंभ हो

By Edited By: Published: Fri, 02 Dec 2016 07:24 PM (IST)Updated: Fri, 02 Dec 2016 07:24 PM (IST)
मुनस्यारी के सैणरांथी में खुदा पूजा आज से

संवाद सूत्र, नाचनी : तहसील मुनस्यारी के दर्जनों गांवों में होने वाली खुदा पूजा शनिवार से प्रारंभ हो रही है। खुदा पूजा नाम से चर्चित इस धार्मिक अनुष्ठान में भगवान शिव के अलखनाथ स्वरूप की पूजा होती है।

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अतीत से ही इस क्षेत्र के दर्जनों गांवों में खुदा पूजा होती आई है। इस पूजा का नाम खुदा पूजा क्यों कहा जाता है इसका एतिहासिक प्रमाण तो कुछ भी नहीं माना जाता है परंतु मुगल काल से ग्रामीण इस पूजा को चोरी छिपे करते आए हैं और इसका नाम खुदा पूजा प्रचलित है। खुदा पूजा मकान के दूसरी मंजिल पर होती है या फिर किसी पुराने या छोड़े हुए मकान में की जाती है। पूजा के दौरान विशेष सतर्कता बरती जाती है। इस मौके पर कुछ स्थानों पर भगवान अलखनाथ को पूरी का भोग लगाया जाता है।

मुनस्यारी के सुदूरवर्ती समकोट गांव में शनिवार से खुदा पूजा शुरू हो रही है। इसके लिए तैयारियां पूरी हो गई हैं। समकोट में अलखनाथ पूजा का भारी आयोजन होता है। यह पूजा छह दिनों तक चलती है। इस दौरान मेला लगा रहता है। समकोट में खुदा पूजा के समापन अवसर पर 8 दिसंबर को भंडारा होगा। इसमें हजारों लोगों के पहुंचने की संभावना है। ग्राम प्रधान कमला देवी और बीडीसी मेंबर देवा राणा ने पुलिस और प्रशासन से इस पूजा के दौरान सुरक्षा के लिए पुलिस बल तैनात करने की मांग की है। पूर्व में भारी भीड़ जुटने से पूजा के दौरान हुए हादसों को लेकर ग्रामीण इस बार सजग हैं।


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