विद्युत कर्मी और ग्रामीण आमने-सामने
जागरण संवाददाता, पिथौरागढ़ : प्रदर्शनकारियों पर रिपोर्ट दर्ज होने से आक्रोशित ग्रामीणों ने कलक्ट्रेट
जागरण संवाददाता, पिथौरागढ़ : प्रदर्शनकारियों पर रिपोर्ट दर्ज होने से आक्रोशित ग्रामीणों ने कलक्ट्रेट पर नारेबाजी करते हुए प्रशासन के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया। इस दौरान ग्रामीणों दोनों मौतों के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग की। साथ ही जल्द कार्रवाई न होने पर सीएम के आगमन पर उनके घेराव की चेतावनी दी।
चार दिन पहले हाईवोल्टेज करंट के कारण खाली गांव में प्लग लगाते समय एक ग्रामीण की मौत हो गई थी। इसके पहले भी करंट से एक मौत हुई थी। शिकायत के बाद भी क्षेत्र की विद्युत आपूर्ति में सुधार नहीं किया गया। ऐसे में दूसरी घटना को लेकर ग्रामीण उत्तेजित हो गए। ग्रामीणों ने शव को लेकर बिजली कार्यालय और विकास भवन के समक्ष प्रदर्शन किया। इस पर प्रशासन के हस्तक्षेप से क्षेत्र में तैनात विद्युत कर्मी को निलंबित करने के आदेश दिए गए। इसके बाद से बिजली कर्मचारी भी भड़क उठे। विभागीय अधिकारियों द्वारा थाने में कुछ प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया। साथ ही तीन दिन बाद हड़ताल की चेतावनी दी गई।
इससे नाराज ग्रामीणों ने जिपं सदस्य लक्ष्मी भट्ट के नेतृत्व में शुक्रवार को कलक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर विरोध जताया। इस दौरान विभाग की लापरवाही से मसपाटी और खाली गांव में विद्युत करंट से हुई दो मौतों का मामला उठाते हुए जिम्मेदार कर्मचारी और अधिकारी के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि विद्युत लाइन में आई खराबी दूर करने की ग्रामीणों की मांग विभाग के कर्मचारी और अधिकारी अनसुना करते रहे। अब जनप्रतिनिधियों के खिलाफ अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं।
प्रदर्शनकारियों ने सात जून से पूर्व जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने पर उस दिन पिथौरागढ़ आ रहे मुख्यमंत्री के घेराव की चेतावनी दी है। वहीं विद्युत करंट से मरे ग्रामीणों के परिजनों को विभाग में नौकरी देने की मांग की है। प्रदर्शन करने वालों में ललित मोहन भट्ट, जगत मेहता, ऋषेंद्र महर, गोपू महर, ललित भट्ट, भाजपा जिलाध्यक्ष राजेंद्र रावत, दीवान सिंह बिष्ट, सुनील बिष्ट, आनंद महर, देवी दत्त आदि थे।