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भारी वर्षा, अंधड़ और ओलों ने मचाई तबाही

जागरण संवाददाता, पिथौरागढ़ : बुधवार की सायं हुई प्रलयकारी बरसात ने उम्मीदों को तबाह कर दिया। जिले के

By Edited By: Published: Thu, 26 Mar 2015 10:13 PM (IST)Updated: Thu, 26 Mar 2015 10:13 PM (IST)
भारी वर्षा, अंधड़ और ओलों ने मचाई तबाही

जागरण संवाददाता, पिथौरागढ़ : बुधवार की सायं हुई प्रलयकारी बरसात ने उम्मीदों को तबाह कर दिया। जिले के गुरना, घाट क्षेत्र में वर्षा ने भारी तबाही मचाई है। दर्जनों पेयजल लाइन और सिंचाई गूल बह गई हैं। खेत मलबे से पट गए हैं। क्षेत्र के सभी पैदल और मोटर मार्ग बंद है। टनकपुर -तवाघाट हाईवे 20 घंटे बंद रहा। विनाशकारी बारिश को देख कर ग्रामीण सहमे हुए हैं।

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बुधवार की सायं गुरना और घाट क्षेत्रों में मौसम ने अपना रौद्र रुप दिखाया। बादल फटने की घटना की तर्ज पर यहां बारिश हुई। लगभग डेढ़ घंटे की वर्षा, अंधड़ और ओलावृष्टि से क्षेत्र में फसलों सहित सार्वजनिक संपत्ति पूरी तरह नष्ट हो गई। पहाड़ की तरफ से आने वाले नाले हाईवे से होते हुए गांवों की सीमा में घुस गए। अपने साथ बहाकर लाए मलबे को खेतों में पहुंचा दिया। खेतों में तैयार गेहूं, जौ, मसूर , आलू , प्याज , लहसुन और मटर की खेती शत प्रतिशत बर्बाद कर दी। पहाड़ की तरफ से आने वाले नालों के विकराल रूप लेने और आसमान से बरसने वाली आफत को देखते लोग घरों को छोड़कर खुले आसमान के नीचे आ गए और मौसम के शांत होने की प्रार्थना करने लगे।

जब तक मौसम शांत हुआ किसानों की सारी मेहनत और आस मलबे में दब गई। जिन खेतों में चंद मिनट पहले फसल लहलहा रही थी वे खेत मलबे से पट गए। सारी फसल मलबे के नीचे दबने से काश्तकारों की आंखे छलक उठी। इस दौरान कई मकान तक खतरे में आ गए थे। ग्रामीणों ने हिम्मत कर गांव के आसपास पहाड़ की तरफ ऊंचाई से आए नालों का बहाव बदला। क्षेत्र के गुरना, गोगना, डाकुड़ा, सेरा, जमराड़ी, सेरीकांणा, बेड़ा, खितोली, निशनी, राड़ीखूटी, खड़कूभल्या, उपरतोला, सिमली, तोली, भैंलोत, थरकोट, बालाकोट गांवों में जहां फसल बर्बाद हुई वहीं कई खेत बह गए। इन क्षेत्रों की पेयजल लाईनें बहने से गांवों में पेयजल संकट बन चुका है। एक गांव से दूसरे गांव को जाने वाले संपर्क मार्ग ध्वस्त हो गए हैं।

जिपं सदस्य लक्ष्मी भट्ट , सुनील बिष्ट, मुन्ना सिंह, ग्राम प्रधान राजेंद्र प्रसाद , जगत मेहता , ललित महर आदि ने क्षेत्र का भ्रमण कर क्षति का आंकलन किया। जिला मुख्यालय में जिलाधिकारी से भेंट कर क्षति का शीघ्र आकंलन कर मुआवजा दिलाने और बंद मार्ग, पेयजल लाईनों की मरम्मत की मांग की है।

वहीं सिरकुच क्षेत्र में सिरकुच, मटकोड़ा, बसेड़ा, कमेटपानी , च्यौड़ी में भारी वर्षा और ओलावृष्टि से गेहूं, मटर, मसूर और जौ की फसल बर्बाद हो गई। युमंद अध्यक्ष अनिल चंद ने जिलाधिकारी को पत्र सौंप कर मुआवजे की मांग की है।


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