बाघों के संरक्षण में लैंसडौन वन प्रभाग बना अव्वल
बाघों के विचरण को खुली जगह, मिश्रित वन व मानव-बाघ संघर्ष की कोई घटना नहीं। इन्हीं विशेषताओं ने आज लैंसडौन वन प्रभाग को अंतर्राष्ट्रीय फलक पर नई पहचान दी।
कोटद्वार, [अजय खंतवाल]: बाघों के विचरण को खुली जगह, मिश्रित वन व मानव-बाघ संघर्ष की कोई घटना नहीं। इन्हीं विशेषताओं ने आज लैंसडौन वन प्रभाग को अंतर्राष्ट्रीय फलक पर नई पहचान दी। कंजर्वेशन एस्योर्ड टाइगर स्टैंडर्डस (कैट्स) ने जिन सात मानकों पर सर्वे किया, उनमें लैंसडौन डिवीजन अव्वल रहा।
कार्बेट टाइगर रिजर्व व राजाजी नेशनल पार्क के मध्य 43327.60 हेक्टेयर में फैला है लैंसडौन वन प्रभाग। इसे कोटद्वार, कोटड़ी, दुगड्डा, लालढांग व लैंसडौन रेंज में बांटा गया है। लैंसडौन रेंज को पर्वतीय माना जाता है, जबकि अन्य चारों रेंज तराई की हैं व इन्हीं चार में बाघों के प्राकृतिकवास हैं। इनमें कार्बेट टाइगर रिजर्व से सटी कोटड़ी रेंज इस बाघों के मामले में सबसे धनी है। वर्तमान में यहां बाघों की संख्या तीस से पैंतीस बताई जा रही है।इन मानकों पर हुआ सर्वे
कैट्स संस्था ने भूटान, इंडोनेशिया, थाइलैंड, बांग्लादेश, रुस, मलेशिया, नेपाल, चीन व भारत में बाघ संरक्षण के लिए कार्य कर रही है। संस्था ने बाघ संरक्षण के लिए सात उच्चस्तरीय मानक व 17 उपमानक तय किए हैं। सर्वे के दौरान जहां प्रभाग के जंगलों को बाघों के प्राकृतिकवास के लिए बेहतर पाया गया, वहीं बाघ-मानव संघर्ष की कोई घटना न होना भी प्रभाग के पक्ष में गया।
इतना ही नहीं, प्रभाग में बाघों के मध्य आपसी संघर्ष भी अभी तक नहीं हुआ, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि प्रभाग में बाघों के विचरण के लिए पर्याप्त स्थान है। इसीलिए इस प्रभाग को कैट्स ने पुरस्कृत किया है।
ये हैं सात मानक
-महत्व और स्थिति
-प्रबंधन
-सामुदायिकता
-पर्यटन
-सुरक्षा
-बाघ का प्राकृतिकवास
-बाघ की जनसंख्या
ये होंगे फायदे
अब लैंसडौन वन प्रभाग को बाघों की सुरक्षा के लिए न सिर्फ पर्याप्त बजट मिलेगा, बल्कि बाघों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम भी किए जाएंगे। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) भी प्रभाग में बाघों की सुरक्षा के लिए संसाधन मुहैया करवा सकती है।
होंगे बेहतर प्रबंध
प्रभागीय वनाधिकारी मयंक शेखर झा के मुताबिक कैट्स के स्तर से पुरस्कृत किया जाना वास्तव उत्साहजनक है। अब प्रभाग में बाघों की सुरक्षा को बेहतर प्रबंध होंगे, साथ ही वनों की सुरक्षा भी मजबूत होगी।
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