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संयुक्त अस्पताल की चिकित्सा व्यवस्था लड़खड़ाई

जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल: प्रदेश सरकार के चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग की ओर से किए जा रहे डॉक्

By JagranEdited By: Published: Tue, 20 Jun 2017 01:00 AM (IST)Updated: Tue, 20 Jun 2017 01:00 AM (IST)
संयुक्त अस्पताल की चिकित्सा व्यवस्था लड़खड़ाई
संयुक्त अस्पताल की चिकित्सा व्यवस्था लड़खड़ाई

जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल:

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प्रदेश सरकार के चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग की ओर से किए जा रहे डॉक्टरों के तबादलों से श्रीनगर के राजकीय संयुक्त अस्पताल की चिकित्सा व्यवस्था लड़खड़ा गई है। पहले ही डाक्टरों की कमी से जूझ रहे संयुक्त अस्पताल के चार डाक्टरों का ट्रांसफर कर दिया गया है। दो डॉक्टर अंडर ट्रांसफर हैं। श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में डाक्टरों की भारी कमी के चलते क्षेत्र की जनता संयुक्त अस्पताल पर ही निर्भर रहती है। जिसकी ओपीडी भी औसतन प्रतिदिन 400 से अधिक है। कीर्तिनगर, चौरास के साथ ही समीपवर्ती गांवों की जनता भी संयुक्त अस्पताल पर ही निर्भर रहती है। ऐसी स्थिति में एकाएक अधिकांश डाक्टरों को विभाग के ट्रांसफर कर देने से जनता हैरान और परेशान भी है।

तबादला आदेश मिलने पर राजकीय संयुक्त अस्पताल के पैथोलॉजिस्ट डॉ. कुमार आदित्य तिवारी नैनीताल के लिए, निश्चेतक डॉ. प्रदीप चौहान विकासनगर के लिए और चिकित्सा अधिकारी डॉ. शैलेंद्र बड़थ्वाल दुगड्डा के लिए रिलीव होने के लिए सोमवार को भी जुटे दिखाई दिए। वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. दिनेश चौहान और दंत चिकित्सक डॉ. ऋतु नैथानी का भी संयुक्त अस्पताल से ट्रांसफर हो चुका है लेकिन उन्हें अभी आदेश नहीं मिला है। स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. कमलेश भारती का तबादला खटीमा हो गया है। अधिकांश डाक्टरों के ट्रांसफर से संयुक्त अस्पताल श्रीनगर में रोगियों की उपचार संबंधी व्यवस्था भी बुरी तरह प्रभावित हो गई है।

27 सालों बाद आए थे पैथोलॉजिस्ट

राजकीय संयुक्त अस्पताल श्रीनगर में 27 सालों बाद पैथोलॉजिस्ट की नियुक्ति हो पाई थी। वर्ष 1988 में डॉ. एमसी अग्रवाल के ट्रांसफर के बाद वर्ष 2015 में डॉ. कुमार आदित्य तिवाड़ी ने संयुक्त अस्पताल में बतौर पैथोलॉजिस्ट कार्यभार संभाला था। इससे संयुक्त अस्पताल की पैथोलॉजी लैब एक बार फिर डॉक्टर विहीन हो गई है। जबकि प्रतिदिन पैथोलॉजी लैब में सौ से अधिक सैंपलों की जांच होती है।

अब रोगियों के ऑपरेशन कैसे होंगे

संयुक्त अस्पताल के निश्चेतक डॉक्टर का भी तबादला हो जाने से अस्पताल में रोगियों के ऑपरेशन भी अब नहीं हो सकेंगे। ऑपरेशन से पूर्व रोगी को बेहोश या सुन्न निश्चेतक ही करता है। बिना निश्चेतक के ऑपरेशन नहीं होते हैं।

अस्पताल खाली हुआ डॉक्टरों से

श्रीनगर के राजकीय संयुक्त अस्पताल में स्त्री रोग विशेषज्ञ, फिजीशियन और बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टरों के एक-एक पद पहले से ही रिक्त चले आ रहे थे। सरकार ने अस्पताल में कार्यरत स्त्री रोग विशेषज्ञ का तबादला कर दिया। जिससे दोनों पद रिक्त हो गए हैं। बाल रोग विशेषज्ञ भी अंडर ट्रांसफर हैं। लैब तकनीशियन के भी दो पद और स्टाफ नर्स के चार पद रिक्त हैं।


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