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पर्यावरण को लेकर जैव विविधता संरक्षण जरूरी

जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल: अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस पर गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय

By JagranEdited By: Published: Mon, 22 May 2017 06:55 PM (IST)Updated: Mon, 22 May 2017 06:55 PM (IST)
पर्यावरण को लेकर जैव विविधता संरक्षण जरूरी
पर्यावरण को लेकर जैव विविधता संरक्षण जरूरी

जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल:

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अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस पर गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के चौरास परिसर स्थित जंतु विज्ञान एवं जैव प्रौद्योगिकी विभाग में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। वक्ताओं ने कहा कि पर्यावरण को लेकर जैव विविधता का संरक्षण बहुत जरूरी है। गो¨वद बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालय पर्यावरण एवं सतत विकास संस्थान की गढ़वाल इकाई द्वारा भी संस्थान परिसर में आयोजित कार्यक्रम में राइंका श्रीनगर के छात्रों के साथ ही एसएसबी अकादमी श्रीनगर के जवानों और अधिकारियों को भी जैव विविधता के विभिन्न पहलुओं और उसके संरक्षण की जरूरतों के बारे में विषय विशेषज्ञों द्वारा विस्तार से बताया गया।

गढ़वाल केंद्रीय विवि के चौरास परिसर स्थित जंतु विज्ञान विभाग के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय मत्स्यकी शिक्षा संस्थान मुम्बई के पूर्व कुलपति डा. वजीर ¨सह लाकड़ा ने नीली क्रांति के अंतर्गत मत्स्य, जैव विविधता और उसके संरक्षण को लेकर उसके विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। डा. लाकड़ा ने कहा कि जैव विविधता को लेकर आम नागरिकों में जागरुकता होनी भी जरूरी है। रोहेलखंड विश्वविद्यालय बरेली के प्राणि विज्ञान विभाग की प्रोफेसर डा. नीलिमा गुप्ता ने जैव विविधता संरक्षण और परजीवी जैव विविधता पर व्याख्यान देते हुए उसकी अनिवार्यता के बारे में भी विस्तार से बताया। कार्यक्रम का संचालन प्रो. ओपी गुसांई द्वारा किया गया। प्रो. एसएन बहुगुणा, प्रो. प्रकाश नौटियाल, प्रो. मंजूप्रकाश गुसांई, डा. दीपक भंडारी, डा. आरएस फत्र्याल, डा. प्रभावति तिवाड़ी, डा. पूजा सकलानी, डा. जीके जोशी, डा. सौरभ यादव, डा. सुधीर कुमार और डा. इंद्रशीष भट्टाचार्य के साथ ही शोध छात्र-छात्राएं भी कार्यक्रम में विशेष रूप से शामिल हुईं।

जीबी पंत हिमालय पर्यावरण संस्थान की अपर भक्तियाना स्थित गढ़वाल इकाई ने संस्थान परिसर में जैव विविधता एवं सतत पर्यटन विषय पर कार्यक्रम आयोजित किया।

संस्थान द्वारा किए जा रहे विभिन्न शोध कार्यों के बारे में भी संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. एके साहनी ने जानकारियां दीं। एसएसबी अकादमी के उपमहानिरीक्षक उपेंद्र बलोदी ने कहा कि जैव विविधता संरक्षण को लेकर सहभागिता के साथ कार्य करना होगा। राइंका श्रीनगर के प्रधानाचार्य एसएस मेहरा ने जैव विविधता के विभिन्न पक्षों पर प्रकाश डाला। संस्थान के वैज्ञानिक डा. एके जुगरान ने प्रस्तुतिकरण के माध्यम से जैव विविधता के बारे में बताया। युवा वैज्ञानिक डा. प्रकाश फोंदड़ी ने कार्यक्रम का संचालन किया। संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. एस तरफदार ने सभी प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया। डा. यतीश बहुगुणा, डीपी कुमेड़ी, जगमोहन ¨सह रावत, आरपी सती, नंदन राणा, कुमकुम ध्यानी भी कार्यक्रम में विशेष रूप से उपस्थित थे।


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