लाडली को बहता देख मां ने खोयी सुधबुध
मनोहर बिष्ट, पौड़ी : दुनिया की किसी भी मां के लिए उसकी संतान से बढ़कर कुछ नहीं होता। अपनी संतान क
मनोहर बिष्ट, पौड़ी :
दुनिया की किसी भी मां के लिए उसकी संतान से बढ़कर कुछ नहीं होता। अपनी संतान के लिए वो हर मुसीबत में ढाल बन खड़ी रहती है, लेकिन जब उसी मां के सामने ही उसकी गोद उजड़ जाए तो उस मां की वेदना का अंदाज भी नहीं लगाया जा सकता। ऐसी ही असहनीय पीड़ा से जनपद पौड़ी के बांजकोट की नंदी देवी गुजर रही हैं। उनकी आंखों के सामने उनकी लाडली गदेरे में बह गई और वह कुछ नहीं कर पायी। हादसे के तीन दिन बाद भी वह बदहवास हैं।
विकास खंड थलीसैण में पैठाणी स्थित गुदखेत के मोलगड़ी गधेरे में 19 मई को देर शाम एक परिवार के दो लोग बह गए थे। जिसमें बांजकोट गांव के राजेंद्र ¨सह व उसकी भतीजी प्रियंका शामिल थे। आस-पास के ग्रामीणों की मदद से राजेंद्र ¨सह को तो खोज लिया गया, लेकिन प्रियंका का शव शनिवार 20 मई को चिपलघाट में पश्चिमी नयार नदी किनारे बरामद हुआ। गदेरे के उफान में अपनी लाडली को बहता देख उसकी मां नंदी ने सुधबुध खो दी। उसे ग्रामीणों ने जैसे-तैसे गांव पहुंचाया। पूर्व प्रधान बांजकोट वर्धन ¨सह ने बताया कि नंदी देवी के पति ताजबर ¨सह दिल्ली में होटल में काम कर परिवार का भरण-पोषण करते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को दुख की घड़ी में परिवार की मदद के लिए आगे आना चाहिए।
पांच साल की प्रियंका अभी आखर बांचना सीख ही रही थी कि हादसे ने उसकी जान ले ली। उसने इसी वर्ष श्री गुरु परमानंद पब्लिक स्कूल चाकीसैंण में यूकेजी कक्षा में प्रवेश लिया था। स्कूल के प्रधानाचार्य देवेंद्र ¨सह भी हादसे से स्तब्ध हैं।
डॉ. धन ¨सह ने परिवार को दी सांत्वना
प्रदेश के सहकारिता, दुग्ध विकास, उच्च शिक्षा व प्रोटोकॉल मंत्री डॉ. धन ¨सह ने बांजकोट पहुंच परिवार को सांत्वना देते हुए हर संभव मदद का भरोसा दिलाया है।