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अधिवेशन में शिक्षक, कक्षाओं में ताला

जागरण संवाददाता, कोटद्वार : द्वारीखाल ब्लॉक के राजकीय इंटर कॉलेज चैलूसैंण में पिछले दो दिन से कक्षा

By JagranEdited By: Published: Sat, 20 May 2017 01:01 AM (IST)Updated: Sat, 20 May 2017 01:01 AM (IST)
अधिवेशन में शिक्षक, कक्षाओं में ताला
अधिवेशन में शिक्षक, कक्षाओं में ताला

जागरण संवाददाता, कोटद्वार : द्वारीखाल ब्लॉक के राजकीय इंटर कॉलेज चैलूसैंण में पिछले दो दिन से कक्षा-कक्ष के ताले नहीं खुले। ऐसा होने की वजह जानी तो पता चला कि एक शिक्षक को छोड़ अन्य तमाम शिक्षक कोटद्वार में होने वाले शिक्षकों के दो-दिवसीय जिलास्तरीय सम्मेलन में शिरकत करने गए हैं। इस सम्मेलन में नये शिक्षक नेताओं का भी चुनाव होगा। अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिस विद्यालय के शिक्षक अध्यापन से अधिक महत्व अधिवेशन को दे रहे हों, वहां बच्चों का भविष्य उज्ज्वल कैसे हो सकता है।

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राजकीय इंटर कॉलेज चैलूसैंण में कक्षा छह से बारहवीं तक वर्तमान में 212 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। विद्यालय में अर्थशास्त्र व ¨हदी विषय में एक-एक प्रवक्ता को छोड़ अन्य तमाम पदों पर प्रवक्ता नियुक्ति हैं। विद्यालय में वर्तमान में प्रधानाचार्य के साथ ही 15 शिक्षक तैनात हैं, लेकिन पिछले दो दिन से पूरा विद्यालय मात्र एक शिक्षक के भरोसे है। नतीजा, मध्यांतर के बाद विद्यालय की छुट्टी। विद्यालय के तमाम शिक्षक व प्रधानाचार्य शुक्रवार 19 मई से कोटद्वार में आयोजित होने वाले राजकीय शिक्षक संघ के प्रांतीय अधिवेशन में शिरकत करने गए हैं। 18 मई को तमाम शिक्षक यात्रा अवकाश पर थे और 19 व 20 मई को वे अधिवेशन में भाग लेंगे।

गले नहीं उतर रहा यात्रावकाश

कोटद्वार से राइंका चैलूसैंण की सड़क मार्ग से दूरी 55 किमी. है। दुपहिया/चौपहिया वाहन से चैलूसैंण से कोटद्वार पहुंचने में करीब ढाई घंटे का समय लगता है। ऐसे में अधिवेशन के नाम पर शिक्षकों को अधिवेशन से एक दिन पूर्व यात्रा अवकाश दिया जाना तमाम सवाल खड़े कर रहा है। यमकेश्वर, द्वारीखाल, जयहरीखाल, रिखणीखाल प्रखंडों में तैनात कई शिक्षक प्रतिदिन कोटद्वार से ही आवागमन करते हैं।

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'विद्यालय के सभी शिक्षक जनपदीय अधिवेशन में कोटद्वार गए हैं। एकमात्र शिक्षक विद्यालय में 212 बच्चों को अध्यापन कार्य नहीं करा सकता, ऐसे में मध्यांतर में अवकाश करना मजबूरी हो गई।

कन्हैया ¨सह, प्रवक्ता/प्रभारी प्रधानाचार्य, राइंका चैलूसैंण'

'शिक्षकों को अवकाश दिया जाना प्रधानाचार्य के विवेक पर निर्भर है, लेकिन एक साथ तमाम शिक्षकों को अवकाश देना पूरी तरह गलत है। पीटीए अध्यक्ष से जानकारी मिली, जिसके तत्काल बाद प्रधानाचार्य से स्पष्टीकरण मांगा गया। मदन ¨सह रावत, मुख्य शिक्षा अधिकारी, पौड़ी'


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