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बच्चे की प्रथम गुरु होती है मां

श्रीनगर गढ़वाल : बच्चे की प्रथम गुरु मां ही होती है। कृष्ण जी को भी गोद में खिलाकर संदीपन ऋषि के पास

By Edited By: Published: Thu, 16 Feb 2017 06:43 PM (IST)Updated: Thu, 16 Feb 2017 06:43 PM (IST)
बच्चे की प्रथम गुरु होती है मां
बच्चे की प्रथम गुरु होती है मां

श्रीनगर गढ़वाल : बच्चे की प्रथम गुरु मां ही होती है। कृष्ण जी को भी गोद में खिलाकर संदीपन ऋषि के पास भेजकर शिक्षा देने के साथ ही पुत्र के रूप में गोद में खिलाने वाली मां ही थी।

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खंडाह में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा का वाचन करते हुए प्रसिद्ध कथावाचक आचार्य शिव प्रसाद ममगांई ने कहा कि मानव की विलासिता की प्रवृत्ति के चलते ही वह अज्ञान से पार नही पा सकता। जो भक्तिभाव से प्रभु भक्ति करते हैं, संत स्वभाव से ही अपने आप ही उनके हृदय में ज्ञान प्रकट होता है। संत समागम व सात्विक आहार से ही सतोगुण बढ़ता है। मदनमोहन गैरोला, दिनेश चंद्र, ऋषि कुमार, उषा गैरोला, नारायणदत्त नौटियाल, कमल रावत, जगदीश चंद्र नौटियाल, सरला सकलानी, भानु प्रकाश आदि इस अवसर पर विशेष रूप से उपस्थित थे।


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