कोटद्वार में लहराएगा विशाल तिरंगा
अजय खंतवाल, कोटद्वार यदि सब कुछ योजना के अनुरूप रहा तो गढ़वाल के प्रवेश द्वार में भी रात-दिन राष्ट
अजय खंतवाल, कोटद्वार
यदि सब कुछ योजना के अनुरूप रहा तो गढ़वाल के प्रवेश द्वार में भी रात-दिन राष्ट्रीय ध्वज 'तिरंगा' लहराता दिखेगा। क्षेत्र के कुछ युवाओं के विशाल 'तिरंगे' की स्थापना के लिए शुरू की गई मुहिम रंग लाती दिख रही है।
दिल्ली का दिल कनाट प्लेस हो अथवा धर्म नगरी हरिद्वार में चंडी पुल के समीप दिन-रात हवा में लहराता तिरंगा, अनायास ही वहां से आवाजाही करने वाले लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच लेता है। हवा में लहराते इस विशाल तिरंगे को देख न सिर्फ आंखों को सुकून मिलता है, गर्व भी महसूस होता है। इससे प्रेरित होकर क्षेत्र के कुछ कामकाजी युवाओं ने यहां भी इसे स्थापित करने की मुहिम शुरू की है। इस कार्य में जुटे परमजीत, मोहित गुप्ता, सपना रौथाण नेगी ने बताया कि इसके लिए बकायदा जहां हस्ताक्षर अभियान शुरू किया है, वहीं ध्वज स्थापना के लिए उपयुक्त स्थान का चयन भी किया जा रहा है। बताया कि अभी तक मालवीय उद्यान, झंडा चौक व तहसील परिसर को उपयुक्त पाया गया है, लेकिन स्थान का अंतिम निर्णय संबंधित विभागों की सहमति के बाद भी हो पाएगा।
100 फुट ऊंचा होगा 'तिरंगा'
यहां लहराने वाला तिरंगा सौ फुट ऊंचा होगा। इसकी स्थापना में करीब चार लाख रुपए व्यय होंगे, जिसके लिए इन युवाओं ने क्षेत्र से चंदा एकत्र करने की योजना बनाई है। जन सहयोग से लगने वाले इस राष्ट्रीय ध्वज के आसपास रात्रि में दूधिया रोशनी की व्यवस्था करने की भी तैयारी है। इसके अलावा उद्यमी नवीन ¨जदल के 'फ्लैग फाउंडेशन ऑफ इंडिया' से भी इस संबंध में वार्ता की जा रही है। यदि फाउंडेशन सहमति व्यक्त कर देती है तो फिर ध्वज स्थापना का पूरा व्यय फाउंडेशन ही करेगा।
इस नियम के तहत फहरेगा तिरंगा
उद्यमी नवीन जिदंल की करीब सात वर्ष की कानूनी लड़ाई के बाद उच्चतम न्यायालय ने 2004 को यह आदेश पारित किया कि देश का कोई भी नागरिक किसी भी दिन राष्ट्र ध्वज को फहरा सकता है। शर्त यह है कि इसकी प्रतिष्ठा व गरिमा बरकरार रहे व किसी भी स्थिति में ध्वज का अपमान न हो। इस आदेश के बाद उद्यमी नवीन ¨जदल की मांग पर 2009 में गृह मंत्रालय ने रात्रि में भी तिरंगा फहराने की अनुमति प्रदान कर दी। अलबत्ता यह अवश्य कहा गया कि रात्रि में ध्वज के आसपास पर्याप्त रोशनी रहे।