ऋषिकेश के सर्किल रेट के आधार पर मिले मुआवजा
जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल: ऋषिकेश से कर्णप्रयाग प्रस्तावित रेल लाइन के निर्माण से प्रभावित ह
जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल:
ऋषिकेश से कर्णप्रयाग प्रस्तावित रेल लाइन के निर्माण से प्रभावित होने वाले गांवों की जनता ने श्रीनगर से लगभग दस किमी दूर डुंगरीपंथ में सभा कर अधिग्रहीत की जाने वाली उनकी भूमि के संबंध में विचार कर आगे की रणनीति तय की।
ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाइन प्रभावित कल्याण समिति की सुशीला बहुगुणा की अध्यक्षता में आयोजित पहली बैठक को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि रेल लाइन के निर्माण से अधिकांश ग्रामीण परिवारों के मकान और जमीन अधिग्रहीत हो जाएगी। जिस आधार पर उन्हें मुआवजा देने की बात रेलवे कर रहा है वह बहुत कम है। उस पर प्रभावित तैयार नहीं हैं। समिति के सचिव और डुंगरीपंथ के प्रधान त्रिभुवन राणा ने कहा कि रेल लाइन के निर्माण को लेकर भूमि अधिग्रहण को लेकर रेलवे की जो वर्तमान नीति और रेट हैं वह प्रभावित ग्रामीणों को मंजूर नहीं हैं। जमीन जायदाद भी रेल लाइन निर्माण में चले जाने से अधिकांश परिवारों के सामने रोजगार की समस्या भी खड़ी हो जाएगी। प्रभावितों को रोजगार भी मिलना चाहिए। इस मुद्दे को लेकर रेलमंत्री के साथ ही प्रदेश के मुख्यमंत्री से भी मिलने का निर्णय लिया गया। ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाइन प्रभावित कल्याण समिति के अध्यक्ष रुद्रप्रयाग के भरत चौधरी, स्वीत के प्रधान जितेंद्र रावत, जनासू के प्रधान सुरेंद्र ¨लगवाल, खांकरा के प्रधान बुद्धिबल्लभ ममगांई, ¨सवई के प्रधान मदन ¨सह रावत, रुद्रप्रयाग के भूपेंद्र भंडारी, डुंगरीपंथ के मुकेश राणा के साथ ही अन्य कई ग्राम प्रधानों ने विचार व्यक्त किए। समिति के महासचिव त्रिभुवन राणा ने कहा कि डुंगरीपंथ की इस सभा के बाद अब हर प्रभावित ग्रामसभा में बैठक कर अग्रिम रणनीति को प्रभावी रूप दिया जाएगा।