किनास पर ट्रैकिंग ने छोड़े उम्मीदों के निशान
मनोहर बिष्ट, पौड़ी पौड़ी में ऊंचे पर्वत में शामिल किनास को पर्यटन के मानचित्र पर लाने के लिए पहली ब
मनोहर बिष्ट, पौड़ी
पौड़ी में ऊंचे पर्वत में शामिल किनास को पर्यटन के मानचित्र पर लाने के लिए पहली बार यहां ट्रैकिंग का आयोजन किया गया। 2400 मीटर ऊंची जंद्राजोर व किनास पर्वत पर टै्रकिंग दल ने चार से पांच घंटे में अपना अभियान पूरा किया। वहीं डीएम ने जिला पर्यटन अधिकारी को किनास पर्वत ट्रैक की विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए। ट्रैकिंग दल में 100 से अधिक युवा शामिल थे।
पर्यटन विभाग व होटल एसोसिएशन की ओर से किनास पर्वत पर ट्रैकिंग का आयोजन किया गया। रविवार को क्यूंकालेश्वर महादेव मंदिर परिसर से 500 मीटर पहले डीएम चंद्रशेखर भट्ट ने ट्रैकिंग दल को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। दल ने जंद्राजोर व किनास पर्वत पर चार-पांच घंटे के भीतर टैकिंग पूरी की। इससे पहले डीएम ने कहा कि किनास पर्वत का धार्मिक व पर्यटन की दृष्टि से अपना महत्व है। मगर आज तक इसे पर्यटन मानचित्र पर उचित जगह नहीं मिल पाई है। जिला पर्यटन अधिकारी सुशील नौटियाल ने कहा कि किनास पर्वत क्षेत्र ट्रैकिंग, पैराग्लाइडिंग, साइक्लिंग, बाइकिंग, घुड़सवारी के लिए उत्तम स्थान है। इस अवसर पर एडीएम रामजीशरण शर्मा, सीडीओ विजय कुमार जोगदंडे, डीएफओ रमेश चंद्रा, डीडीओ वेद प्रकाश, सीओ धन सिंह तोमर, ज्येष्ठ प्रमुख पौड़ी हरदयाल पटवाल, होटल एसोशिएशन के अध्यक्ष बुद्धि बल्लभ पंत आदि मौजूद थे।
किनास का धार्मिक महत्व
किनास पर्वत पर स्थित क्यूंकालेश्वर महादेव मंदिर के महंत मुनि अभय चेतन्यानंद महाराज ने बताया कि किनास श्री केदार क्षेत्र के अंर्तगत समाहित तीर्थो में सबसे श्रेष्ठ माना जाता है। बताया कि आदिकाल में ताड़कासुर से भयभीत यमराज ने भगवान शिव की तपस्या की। भगवान ने यमराज को किनास पर विराजमान रहने का वरदान दिया।
किनास पर्वत से दिखते ये नजारे
किनास पर्वत से चौखंबा, त्रिशूल, नंदादेवी, घुंघटी, बंदरपूंछ, गंगोत्री, यमनोत्री, बद्रीनाथ, केदारनाथ चोटियों का विहंगम दृश्य दिल छू लेता है। यहां से श्रीनगर गढ़वाल, देवप्रयाग, टिहरी, चंद्रबदनी, झंडीधार, गगवाड़स्यूं पट्टी के मनोरम नजारे भी दिखते हैं।
कैसे पहुंचे किनास
किनास ट्रैक तक पर्यटक कोटद्वार, श्रीनगर व देवप्रयाग राजमार्ग के जरिये पहुंच सकते हैं। रामनगर-बुआखाल हाईवे भी यहां पहुंचने के लिए वैकल्पिक मार्ग है।