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सच लिखा तो बंध गया 'बोरिया बिस्तर'

अजय खंतवाल, कोटद्वार: इसे भूमाफिया का दबाव कहें या प्रशासन की गलत नीति। सरकार के फरमान पर जिस तहस

By Edited By: Published: Mon, 30 May 2016 01:00 AM (IST)Updated: Mon, 30 May 2016 01:00 AM (IST)
सच लिखा तो बंध गया 'बोरिया बिस्तर'

अजय खंतवाल, कोटद्वार: इसे भूमाफिया का दबाव कहें या प्रशासन की गलत नीति। सरकार के फरमान पर जिस तहसीलदार ने अवैध कब्जे वाली जमीनों को सरकार में निहित करने की सिफारिश की, उसी को पद से हटा दिया गया। इतना ही नहीं, उनकी रिपोर्ट पर अमल की बजाए, ठंडे बस्ते में डाल दिया। हालांकि आला अधिकारी दोनों ही पहलुओं पर सीधे-सीधे जवाब देने से बच रहे हैं, लेकिन इस प्रकरण को लेकर दबी जुबान में खूब चर्चाएं हो रही हैं।

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मामला कोटद्वार तहसील के सिम्मलचौड़ गांव का है। पिछले साल सरकार ने वर्ग चार की भूमि (सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा) पर काबिज लोगों को स्वामित्व दिए की प्रक्रिया शुरू की तो ऐसी जमीनों को खुर्द-बुर्द करना सामने आया। तत्कालीन तहसीलदार अबरार हुसैन के स्तर से कराई गई जांच सिम्मलचौड़ में तीन ऐसे मामले पकड़ में आए, जिनमें भूमाफिया ने वर्ग चार की जमीन पर काबिज लोगों ने उनकी जमीन औने-पौने दामों पर खरीद ली। कुल मिलाकर दशमलव 772 हेक्टेयर (0.032 हेक्टेयर, 0.522 हेक्टेयर व 0.218 हेक्टेयर) सरकारी भूमि बेचे जाने का खुलासा हुआ। इस भूमि पर भूमाफिया ने बाकायदा प्लाटिंग की हुई है। चाहरदीवारी करने के साथ ही कुछ भूमि पर बाकायदा भवन खड़े कर दिए गए हैं।

तहसीलदार ने विस्तृत जांच के बाद उपरोक्त भूमि को राज्य सरकार में निहित करने की सिफारिश करते हुए एसडीएम जीआर बिनवाल को इसी महीने रिपोर्ट सौंपी। उन्होंने तीनों प्रकरणों की रिपोर्ट सात से 20 मई के बीच अलग-अलग तारीखों में दाखिल की। इन रिपोर्ट पर कार्रवाई तो हुई नहीं, लेकिन पांच दिन पहले अचानक तहसीलदार का तबादला जरूर कर दिया गया। उन्हें क्षेत्र से हटाकर अभी प्रतीक्षारत रखा गया है।

सूरतेहाल, तहसीलदार को हटाने को लेकर कई सवाल हवा में तैर रहे हैं। अटकलों का बाजार भी गरम है। हालांकि आला अधिकारी इस मामले में कुछ भी बोलने से परहेज कर रहे हैं। डीएम चंद्रशेखर भट्ट ने तहसीलदार के तबादले की पुष्टि की, लेकिन ज्यादा कुछ कहने से वह बचे।

और भी हैं इस तरह के मामले

सिम्मलचौड़ में सरकारी पर भूमि कब्जे के यही तीन नहीं, और भी मामले बताए जा रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि यहां कई बीघा सरकारी भूमि भूमाफिया के कब्जे में है। उत्तराखंड राज्य गठन के बाद से यहां भूमाफिया सक्रिय है।

'सरकारी भूमि की खरीद-फरोख्त गंभीर अपराध है। एसडीएम की ओर से दी गई गई रिपोर्ट पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। ..चंद्रशेखर भट्ट, जिलाधिकारी, पौड़ी

संदेश : 29 कोटपी 58

कोटद्वार क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम सिम्मलचौड़, इस गांव में भू माफियाओं ने कई बीघा सरकारी भूमि पर कब्जा किया हुआ है।


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