लिखित समझौता होने पर ही समाप्त होगा अनशन
जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल: अलकनंदा हाइड्रो पावर सर्विसेज एएचपीएस से हटाए गए कर्मचारी मंगलवार क
जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल: अलकनंदा हाइड्रो पावर सर्विसेज एएचपीएस से हटाए गए कर्मचारी मंगलवार को पांचवें दिन भी कोटेश्वर स्थित एएचपीसीएल कार्यालय में खुद को कैद किए रहे। एएचपीएस कर्मचारी संगठन के संरक्षक भूपेंद्र ¨सह भंडारी का आमरण अनशन भी जारी रहा। चिकित्सक ने आमरण अनशनकारी के स्वास्थ्य का परीक्षण किया गया। जिसमें अनशनकारी का रक्तचाप बढ़ा हुआ और शरीर का वजन पांच किलो घटा हुआ पाया गया। उन्होंने लिखित आश्वासन मिलने के बाद ही अनशन तोड़ने की बात कही है।
गढ़वाल विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ ही विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने भी अनशन स्थल पर पहुंचकर आंदोलन को समर्थन देते हुए नारेबाजी की। मंगलवार को ताले लगे कार्यालय के ग्रिल पर आंदोलनकारियों के साथ एएचपीसीएल के मुख्य समन्वयक संतोष रेड्डी की वार्ता हुई। आमरण अनशनकारी भूपेंद्र भंडारी ने कहा कि मांगों के संदर्भ में जो सहमति बनी है उसको लिखित में देने के उपरांत ही बुधवार को वह अनशन समाप्त करेंगे।
गढ़वाल विवि छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष दिव्यांशु बहुगुणा, विवि संयुक्त छात्र परिषद के संयोजक विकास कठैत, सहसंयोजक पुष्पेंद्र पंवार, पौड़ी परिसर के पूर्व अध्यक्ष विजयदर्शन बिष्ट, श्रीकोट से क्षेत्र पंचायत के पूर्व सदस्य विभोर बहुगुणा, एबीवीपी के अश्वनी उनियाल, गौरव सेनानी संगठन श्रीनगर के अध्यक्ष मथुरा प्रसाद सिलोड़ी, भाजपा के जिला महामंत्री भारतभूषण कुकरेती, भाजपा प्रदेश समिति के सदस्य भरत ¨सह चौधरी, देवप्रयाग विधानसभा क्षेत्र के उक्रांद प्रभारी गणेश भट्ट, रुद्रप्रयाग के बलवंत बुटोला, लक्ष्मी प्रसाद डिमरी, सुरेंद्र बिष्ट, अगस्त्यमुनि के मोहन ¨सह ¨सधवाल, मढ़ी से जिला पंचायत सदस्य डा. उत्तम भंडारी और युवा कांग्रेस के डा. प्रताप भंडारी, पर्वतीय कर्मचारी शिक्षक संगठन के मंडल अध्यक्ष केएम भट्ट के साथ ही महिला मंगल दल श्रीकोट से जुड़ी महिलाओं ने भी बड़ी संख्या में अनशन स्थल पर पहुंचकर आंदोलन को समर्थन दिया। भाजपा के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष डा. धन ¨सह रावत ने कहा कि वह कर्मचारियों की समस्याओं को लेकर प्रदेश के मुख्य सचिव से शीघ्र ही वार्ता भी करेंगे।
आंदोलनकारियों के साथ एएचपीसीएल के मुख्य समन्वयक संतोष रेड्डी की वार्ता हुई। वार्ता में मुख्य समन्वयक ने कहा कि जिन कर्मचारियों को वापस लिया जाना है या जो उसके बदले मुआवजा चाहते हैं उनकी सूची लिखित में दें। कंपनी के हैदराबाद मुख्यालय से वार्ता कर वह 20 मई तक निर्णय से अवगत करा देंगे। अनशनकारी भूपेंद्र भंडारी ने कहा कि वह चार मई को सुबह कंपनी के मुख्य समन्वयक से लिखित में आश्वासन लेंगे। यदि समझौता कर्मचारी हित में हुआ तो तभी वह अपना अनशन तोड़ेंगे।