प्रदेश में स्वार्थों की राजनीति हावी : पांगती
जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल : उत्तराखंड रक्षा मोर्चे ने भाजपा और कांग्रेस दोनों को आड़े हाथ लिया।
जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल : उत्तराखंड रक्षा मोर्चे ने भाजपा और कांग्रेस दोनों को आड़े हाथ लिया। दोनों दलों पर सत्ता की छीनाझपटी में ही लगे रहने का आरोप लगाते हुए वक्ताओं ने कहा कि इसीलिए अलग उत्तराखंड राज्य बनने के बाद भी आम जनता की समस्याएं हल नहीं हो पायीं। भाजपा और कांग्रेस को दरकिनार कर उत्तराखंड के हित में एक मजबूत और सशक्त तीसरा राजनीतिक विकल्प भी होना जरूरी है। इसके लिए उत्तराखंड रक्षा मोर्चा को सदृढ़ कर राज्य के सरोकारों से जुड़े संगठनों का महागठबंधन बनाने की कवायद अंतिम चरण में है।
बैठक को संबोधित करते हुए उत्तराखंड रक्षा मोर्चा के संस्थापक सदस्य और सेवानिवृत्त आइएएस अधिकारी एसएस पांगती ने कहा कि प्रदेश में स्वार्थों की राजनीति हावी हो गयी है जिससे कांग्रेस और भाजपा दोनों ने आम जनता की उपेक्षा की। उन्होंने कहा कि पहाड़ की जनता के भाग्य का फैसला वे लोग करते हैं जिनका उत्तराखंड के सरोकारों से कोई लेना देना नहीं होता है। उत्तराखंड में विधायकों के निजी स्वार्थ और सत्ता लोलुपता इतनी बढ़ गयी है कि प्रदेश में संवैधानिक व्यवस्था ही ठप पड़ गयी। चारधाम यात्रा की सुध लेने की भी किसी को फुरसत नहीं है। किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष भोपाल ¨सह चौधरी ने कहा कि कांग्रेस और भाजपा दोनों के लिए सत्ता हथियाने को लेकर उठापटक करना ही सर्वोपरि हो गया है। इन दोनों दलों ने उत्तराखंड को लावारिस प्रदेश बना दिया है। मोर्चा के प्रवक्ता पीसी थपलियाल ने कहा कि निर्वाचन प्रणाली में आधारभूत सुधार लाने की अन्ना हजारे की मांग को क्रियान्वित करना जरूरी है।