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गोदाम फुल फिर भी पेट में आग

जागरण संवाददाता, कोटद्वार: पर्वतीय क्षेत्रों में पिछले दो महीने से ग्रामीणों को सरकारी राशन नहीं मिल

By Edited By: Published: Tue, 24 Nov 2015 01:01 AM (IST)Updated: Tue, 24 Nov 2015 01:01 AM (IST)
गोदाम फुल फिर भी पेट में आग

जागरण संवाददाता, कोटद्वार: पर्वतीय क्षेत्रों में पिछले दो महीने से ग्रामीणों को सरकारी राशन नहीं मिल रहा। दरअसल, सरकारी सस्ता गल्ला विक्रेता विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं। नतीजा, न तो उपभोक्ताओं को राशन का वितरण हो रहा है और न ही आंतरिक गोदामों से राशन का उठान हो रहा है। इस स्थिति में गोदाम तो खाद्यान्न से भरे हैं, लेकिन लोगो की पेट की आग नहीं बुझ पा रही है।

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पर्वतीय क्षेत्रों में सितंबर से गल्ला विक्रेताओं ने खाद्य विभाग के आंतरिक गोदामों से न तो अक्टूबर व नवंबर का राशन नहीं उठाया है और न ही दुकान में रखे राशन का वितरण किया जा रहा है। नतीजा, उपभोक्ताओं को सरकारी राशन नहीं मिल पा रहा। जबकि पर्वतीय क्षेत्रों करीब नब्बे फीसद जनसंख्या सरकारी राशन के भरोसे ही है। ऐसे में राशन का वितरण न होने के कारण कई परिवारों में दो जून का रोटी का संकट पैदा हो गया है। स्थिति यह है कि जनपद पौड़ी में पर्वतीय क्षेत्र के छह आंतरिक गोदामों के प्रभारियों ने नवंबर माह का राशन उतारने से इंकार कर दिया है। दरअसल, गल्ला विक्रेताओं की ओर से राशन का उठान न किए जाने के कारण गोदाम पूरी तरह फुल हैं। ऐसे में नवंबर माह का राशन उतारने के लिए कोई स्थान नहीं।

यह हैं वितरण के मानक

वर्तमान में खाद्य विभाग की ओर से राष्ट्रीय खाद्य योजना व राज्य खाद्य योजना के तहत राशन का वितरण किया जाता है। राष्ट्रीय खाद्य योजना कार्डधारक को प्रति यूनिट दो किग्रा गेहूं व तीन किग्रा चावल आवंटित करने प्रावधान है, जबकि राज्य खाद्य योजना के तहत कार्डधारक को प्रति कार्ड पांच किग्रा गेहूं व दस किग्रा चावल दिया जाता है।

गोदाम, जहां नहीं उतर रहा राशन

दुगड्डा, पौखाल, बांघाट, लैंसडौन, नौगांवखाल, कांडी, भड़ेथ

सरकारी सस्ता गल्ला विक्रेताओं को राशन उठाने के लिए निर्देशित किया गया है। साथ ही राशन न उतारने वाले गोदाम प्रभारियों को भी कड़े निर्देश दिए गए हैं। डीपी पैन्यूली, जिला खाद्य एवं पूर्ति अधिकारी, पौड़ी'

'कई आंतरिक गोदामों से राशन न उठाए जाने के कारण गोदाम प्रभारी कोटद्वार गोदाम से भेजे जाने वाले ट्रकों को अनलोड नहीं कर रहे हैं। जिस कारण ट्रकों को कई-कई दिनों तक गोदाम में ही खड़ा रखना पड़ रहा है। जिला पूर्ति अधिकारी को इस संबंध मं सूचित किया गया है।

अतुल चतुर्वेदी, वरिष्ठ विपणन प्रबंधक, कोटद्वार


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