भूमि की नपत शुरू, महिलाओंका हंगामा
जागरण संवाददाता, कोटद्वार: सरकारी भूमि पर कब्जे को लेकर गुरुवार को भाबर क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम झंड
जागरण संवाददाता, कोटद्वार: सरकारी भूमि पर कब्जे को लेकर गुरुवार को भाबर क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम झंडीचौड़ (उत्तरी) में ग्रामीणों व प्रापर्टी डीलर के मध्य हुए तनाव के बाद शुक्रवार को प्रशासन ने भूमि की नपत शुरू करवा दिया। नपत के दौरान ग्रामीणों की ओर से रास्ते को लेकर भी हंगामा किया गया। इधर, युवा कांग्रेस ने सरकारी भूमि पर हो रहे कब्जों की उच्चस्तरीय जांच की मांग उठाई है।
गुरुवार को ग्राम झंडीचौड़ उत्तरी में ग्रामीणों का एक प्रापर्टी डीलर से विवाद हो गया। ग्रामीणों का आरोप था कि प्रापर्टी डीलर सरकारी भूमि पर कब्जा करने की नीयत से अपनी खरीद भूमि से बाहर के हिस्से में पिलर लगा रहा है। मौके पर पहुंचे एसडीएम जीआर बिनवाल ने भूमि की नपत कराने का आश्वासन दे ग्रामीणों को शांत किया। एसडीएम श्री बिनवाल के आदेश पर शुक्रवार को राजस्व उप निरीक्षक देवकी प्रसाद नौटियाल अपनी पूरी टीम के साथ विवादित स्थल पर पहुंचे व नपत कार्य शुरू कर दिया। ग्राम प्रधान वीरेंद्र पाल ने बताया कि नपत के दौरान ग्रामीणों ने पूर्व से चले आ रहे रास्ते को खाली करने के साथ ही सरकारी भूमि पर हुए कब्जे को हटाने की मांग रखी है। उन्होंने बताया कि प्रापर्टी डीलर की ओर से काफी भूमि कब्जाने का प्रयास किया गया है। एसडीएम श्री बिनवाल ने बताया कि नपत कार्य पूर्ण होने के बाद राजस्व उपनिरीक्षक की रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
दूसरी ओर, युवा कांग्रेस के प्रदेश सचिव प्रवेश रावत ने शुक्रवार को जिलाधिकारी को ज्ञापन में कहा कि क्षेत्र में जहां एक ओर अनुसूचित जाति की भूमि पर कब्जे किए जा रहे हैं, वहीं सरकारी भूमि भी कब्जाई जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि भूमाफिया के कब्जाई गई भूमियों का अधिग्रहण कर उनकी संपत्ति की उच्चस्तरीय जांच हो। ऐसा न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी गई। इस अवसर पर प्रमोद राणा, प्रदीप नेगी, विपिन डोबरियाल, विनोद नेगी, नवीन आर्य, उमेश बिष्ट, विकास कुमार, सौरभ रावत आदि मौजूद थे।
महिलाओं ने लगाए आरोप
भाबर क्षेत्र के अंतर्गत झंडीचौड़ उत्तरी में नपत कार्य के दौरान उस वक्त हंगामा हो गया, जब गांव की तीन महिलाओं ने उक्त प्रापर्टी डीलर पर उनकी भूमि हड़पने का आरोप लगाया। महिलाओं का कहना था कि उन्होंने जितनी भूमि बेची थी, प्रापर्टी डीलर ने उन्हें धोखे में रख उनकी अधिक भूमि हड़प ली।