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'बड़े' ने छोड़ा, 'छोटे' का सहारा

जागरण संवाददाता, कोटद्वार: उत्तराखंड-उत्तर प्रदेश की सीमा पर स्थित जनपद बिजनौर के विभिन्न गांवों क

By Edited By: Published: Thu, 28 May 2015 04:53 PM (IST)Updated: Thu, 28 May 2015 04:53 PM (IST)
'बड़े' ने छोड़ा, 'छोटे' का सहारा

जागरण संवाददाता, कोटद्वार:

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उत्तराखंड-उत्तर प्रदेश की सीमा पर स्थित जनपद बिजनौर के विभिन्न गांवों के वाशिंदों की मुश्किलें फिलहाल कम होती नजर नहीं आ रही। उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन ने भले ही बड़िया में विद्युत सब स्टेशन स्थापित कर दिया हो, लेकिन एक वर्ष बाद भी इन गांवों को सब स्टेशन से नहीं जोड़ा गया है। नतीजा, आज भी इन गांवों के वाशिंदे पूरी तरह कोटद्वार विद्युत वितरण खंड के रहमोकरम पर हैं।

उत्तर प्रदेश शासनकाल में 1970 में ग्राम मोटाढाक, चतरुवाला, कौड़िया, मथुरापुर मोर, ढकिया, बावन सराय सहित विभिन्न गांवों में कोटद्वार विद्युत वितरण खंड से विद्युत कनेक्शन दिए गए थे। राज्य गठन के बाद 2008 में उत्तराखंड नियामक आयोग ने इन गावों के वाशिंदों के विद्युत कनेक्शन विच्छेदित करने के निर्देश जारी कर दिए। ग्रामीणों के विरोध के चलते कनेक्शन नहीं कटे। उस दौरान उत्तर प्रदेश पॉवर कारपोरेशन व उत्तराखंड नियामक आयोग के अधिकारियों के मध्य हुई वार्ता के बाद कोटद्वार से पोषित विद्युत उपभोक्ताओं को उत्तर प्रदेश राज्य के निर्माणाधीन 33/11 केवी उपसंस्थान, बड़िया से विद्युत आपूर्ति करने की बात कही गई। सब स्टेशन निर्माण के बाद भी गांवों को नहीं जोड़ा गया।

इधर, उत्तराखंड नियामक आयोग भी राज्य की सीमा से बाहर विद्युत कनेक्शन दिए जाने पर सख्त हो चला है। आयोग के निर्देश पर महकमा सीमावर्ती गांवों में कई विद्युत कनेक्शन काट चुका है।

यह हो रही परेशानियां

दो राज्यों के सीमा पर बसे गांव उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन की लचर कार्यप्रणाली का खामियाजा भुगत रहे हैं। दरअसल, जहां उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन इन गांवों की सुध नहीं ले रहा है, वहीं उत्तराखंड नियामक आयोग की ओर से जारी निर्देशों के बाद कोटद्वार खंड ने भी गांवों की सुध लेनी छोड़ दी है। नतीजा, गांव में विद्युत आपूर्ति फेल होने की दशा में ग्रामीणों को कई-कई दिनों तक अंधेरे में रातें गुजारनी पड़ती हैं। इधर, कोटद्वार विद्युत वितरण खंड इस गांवों में लगे ट्रांसफार्मरों की क्षमता भी नहीं बढ़ा पा रहा है।

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'मामला शासन स्तर का है। शासन से जारी निर्देशों के अनुरूप ही सीमावर्ती गांवों में विद्युत वितरण को लेकर जरूरी कदम उठाए जाएंगे।'-एके मिश्रा, अधिशासी अभियंता, कोटद्वार विद्युत वितरण खंड

'बड़िया विद्युत सब स्टेशन से सीमावर्ती गांवों तक विद्युत लाइन पहुंचाने में आरक्षित वन क्षेत्र आड़े आ रहे हैं। ऐसे में सब स्टेशन से सीमावर्ती गांवों को विद्युत कनेक्शन दिया जाना संभव नहीं।'-एसके गर्ग, अधिशासी अभियंता, नजीबाबाद विद्युत वितरण खंड


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