पत्नी की हत्या में पति को आजीवन कारावास
जागरण संवाददाता, पौड़ी: जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने पत्नी की हत्या के मामले में पति को आजीवन
जागरण संवाददाता, पौड़ी: जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने पत्नी की हत्या के मामले में पति को आजीवन कारावास की सजा व ससुर को दहेज उत्पीड़न के मामले में दोषी पाते एक साल की सजा सुनाई है। इस मामले में मृतका के पांच साल के बच्चे की गवाही ने अहम भूमिका निभाई।
अभियोजन पक्ष के अनुसार चौबट्टाखाल तहसील के ग्राम मुंड्याप गांव निवासी बच्ची राम की पुत्री हेमंती की शादी मई 2003 को तहसील क्षेत्र के ही हल्दी गांव निवासी अविनाश जोशी के साथ हुई थी। शादी के बाद से ही पति तथा ससुर दहेज के लिए उसे परेशान करने लगे। 19 अगस्त 2009 को हेमंती लैंसडौन में रात्रि करीब नौ बजे अपने पति अविनाश के कमरे में जली अवस्था में मिली। पति और आस-पास के लोग उसे चिकित्सालय ले गए, जहां उसकी नाजुक स्थिति को देखते चिकित्सकों ने देहरादून रेफर किया। 20 अगस्त 2009 को हेमंती ने देहरादून में दम तोड़ दिया। मृतका के पिता बच्ची राम ने 31 अगस्त 2009 को लैंसडौन थाने में मामले की प्राथमिकी दर्ज कराई। आरोप था कि पति ने तेल डाल कर अपनी पत्नी को जलाया और ससुर दहेज के लिए प्रताडि़त करता था। अभियोजन पक्ष के अनुसार न्यायालय में सबसे महत्वपूर्ण गवाह के रूप में मृतका के पांच साल के बच्चे ने गवाही दी। बच्चे ने गवाही में कहा कि मम्मी को मेरे पिता ने जलाया। जिला जज एवं सत्र न्यायाधीश कंवर सैन की अदालत ने मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद हेमंती की हत्या में पति अविनाश जोशी को दोषी पाते आजीवन कारावास तथा दहेज उत्पीड़न में ससुर उमेश चंद्र को दोषी पाते हुए एक साल की सजा सुनाई है। अभियोजन पक्ष की ओर से सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता प्रेमबल्लभ पंत ने पैरवी की।
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