पानी चाहिए तो बचाएं पानी : नेगी
संवाद सहयोगी, कोटद्वार : प्रदेश के स्वास्थ्य एवं कल्याण मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी ने विश्व में जनसंख
संवाद सहयोगी, कोटद्वार : प्रदेश के स्वास्थ्य एवं कल्याण मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी ने विश्व में जनसंख्या के अनुपात में लगातार हो रहे जल संकट को गंभीर बताते हुए जल संरक्षण की जरूरत पर जोर दिया।
श्री नेगी रविवार को राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में 'जीआइएस/जीपीएस के प्रयोग से जल संरक्षण व जल गुणवत्ता प्रबंध' विषय पर आयोजित एक-दिवसीय कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा व संशोधन केंद्र (यूसैर्क) व उत्तराखंड अंतरिक्ष केंद्र (यूसैक) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यशाला में श्री नेगी ने कहा कि आज भले ही मानव जल के मूल्य को न समझ रहा हो, लेकिन आने वाले समय में सिर्फ पानी का संकट विश्व की बड़ी समस्या बन जाएगा। आज भले ही विज्ञान तरक्की कर रहा है, लेकिन जल को लेकर वैज्ञानिक भी चिंतित हैं व इस चिंता के निराकरण का एकमात्र मार्ग जल संरक्षण है। सरकार जल संरक्षण की दिशा में प्रयासरत है व आमजन को भी इस दिशा में गंभीरता से प्रयास करने होंगे।
अन्य वक्ताओं ने भी दिन-प्रतिदिन गहरा रही पेयजल की समस्या को गंभीर बताते हुए कहा कि भूमिगत जल का लगातार दोहन भविष्य में गंभीर परिणाम दिखाएगा। जल संरक्षण को लेकर सामूहिक प्रयास करने होंगे। यदि घर अथवा घर के आसपास कोई नल प्रति सेकेंड एक बूंद पानी टपका रहा है तो नल से एक दिन में करीब साढ़े तीन लीटर पानी व एक वर्ष में करीब सात सौ लीटर पानी बरबाद होगा। इस कारण यह जरूरी है कि घर-घर, गांव-गांव, गली-गली में टपकते नलों को बदल लाखों लीटर पानी बचाया जा सकता है। जंगलों में हो रहा अंधाधुंध कटान भी जल संकट का मुख्य कारण बन सकता है। कार्यशाला के दौरान जल संरक्षण के प्रति आमजन को जागरुक करने के लिए अभियान चलाने पर भी जोर दिया गया।
कार्यक्रम के दौरान कार्यशाला में प्रतिभाग करने वाले महाविद्यालय के सात छात्रा-छात्राओं को सम्मानित किया गया। इस मौके पर अंतरिक्ष उपयोग केंद्र के निदेशक दुर्गेश पंत, यूसर्क वैज्ञानिक डॉ.भवतोष शर्मा, यूसैक वैज्ञानिक डॉ.सुषमा गैरोला, राष्ट्रीय जल विज्ञान के वैज्ञानिक डॉ.एके लोहनी, राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.एसएस रौतैला सहित अन्य ने विचार रखे। संचालन डॉ.प्रशांत सिंह व डॉ.मंजू सुंद्रियाल ने किया।