बंडूल गांव को गोद लें सांसद
जागरण संवाददाता, पौड़ी : पलायन से करीब-करीब खाली हो चुके सितोंनस्यू पट्टी के बंडूल गांव के ग्रामीण अ
जागरण संवाददाता, पौड़ी : पलायन से करीब-करीब खाली हो चुके सितोंनस्यू पट्टी के बंडूल गांव के ग्रामीण अपने गांव को आबाद देखना चाहते हैं। गांव से दूर जीवन यापन कर रहे ग्रामीण यहां बुनियादी सुविधाएं चाहते हैं।
जनपद के कोट ब्लॉक के बंडूल गांव में स्थिति यह है कि करीब पैंतालीस परिवारों वाले इस गांव में केवल दो बुजुर्ग महिलाएं और एक विकलांग व्यक्ति अपने ग्रामीण होने की रस्म निभा रहे हैं। कुछ लोग बुनियादी सुविधाओं के अभाव में गांव से पलायन कर गए तो कई रोजगार के लिए। ऐसे में गांव में बंजर पड़े खेत खलियान गांव की बदहाली को खुद ब खुद बयां कर रहे हैं। गांव में निवास कर रही पुष्पा देवी, बिमला देवी के मुताबिक पलायन से लगभाग खाली हो चुके गांव में जंगली जानवरों के खौफ से दिन में भी डर लगता है। गांव के चारों ओर उगी झाड़ियों में दिन में जंगली जानवर नजर आते हैं जिस कारण गांव में खेती करना भी मुश्किल हो गया है। ग्रामीणों की मानें तो वे अपने गांव को आबाद देखना चाहते हैं। वे चाहते हैं गांव में कृषि को बढ़ावा देने के लिए सरकार सहयोग करें।
'हमने सरकार से गांव को फलचट्टी के रूप में विकसित करने के साथ कृषि भूमि को उपजाऊ बनाने की मांग की है। सांसद भी गांव को गोद लें और बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराएं। इस ओर सरकार को ध्यान देना चाहिए।'
सुरेश चंद्र जुयाल, निवासी बंडूल गांव, पौड़ी गढ़वाल।