आंदोलनकारियों व अधिकारियों में वार्ता बेनतीजा
जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल : श्रीनगर जलविद्युत परियोजना के निर्माण से आंदोलित प्रभावितों की उपज
जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल : श्रीनगर जलविद्युत परियोजना के निर्माण से आंदोलित प्रभावितों की उपजिलाधिकारी श्रीनगर की उपस्थिति में निर्माणदायी कंपनी जीवीके के निदेशक के साथ हुई वार्ता बेनतीजा रही। मैती समिति के तत्वावधान में धारी के अनुसूचित जाति वर्ग के प्रभावितों ने शुक्रवार को भी आंदोलन समाप्त करने से इंकार कर दिया और उनका धरना प्रदर्शन जारी रहा। आंदोलन के कारण धारी देवी के नए मंदिर का निर्माण कार्य भी नौवें दिन ठप रहा।
धारी गांव के अनुसूचित जाति वर्ग के आंदोलित प्रभावितों से वार्ता करने के लिए जीवीके कंपनी के निदेशक प्रसन्ना रेड्डी और मुख्य समन्वयक संतोष रेड्डी शुक्रवार को धारी देवी मंदिर के समीप अलकनंदा नदी तट पर धरना स्थल पर पहुंचे। उपजिलाधिकारी श्रीनगर रजा अब्बास की उपस्थिति में तीन घंटे से अधिक तक चली वार्ता अंतत: बेनतीजा रही। कंपनी के निदेशक का वार्ता में कहना था कि प्रभावितों को 14 फरवरी तक कंपनी भुगतान कर देगी लेकिन आंदोलनकारियों विशेष रूप से महिलाओं का कहना था कि भुगतान को लेकर कंपनी से पूर्व में भी आश्वासन मिलते रहे हैं, लेकिन अब आंदोलन तभी समाप्त होगा जब मुआवजा मिल जाएगा। अलकनंदा नदी तट से लगभग साढ़े अठारह मीटर ऊंचाई पर बन रहे नए धारी देवी मंदिर निर्माण के संदर्भ में कंपनी निदेशक प्रसन्ना रेड्डी का कहना था कि नदी तट पर नीचे से दीवार नहीं बनायी जा सकती है। इस बारे में कोर्ट का भी निर्णय है। इस पर आंदोलनकारियों ने कहा कि कोर्ट के निर्णय की प्रति उन्हें दिखायी जाए जिसके बाद मैती समिति मंदिर निर्माण के बारे में विचार कर निर्णय लेगी। आंदोलनकारियों का कहना है कि लगभग साढ़े अठारह मीटर ऊंचाई पर बन रहे नए मंदिर में नदी तट से मिट्टी भरान कर उसे तट से भी जोड़ा रखा जाए। ब्लाक प्रमुख खिर्सू सुषमा नेगी भी इस अवसर पर मौजूद थीं। आंदोलनकारियों की ओर से भीमलाल, सोहनलाल, विकास कुमार, सरोजनी देवी, शांति देवी, रूपा देवी, बरदेई देवी, सरस्वती देवी, कलियासौड़ की प्रधान सुनीता देवी आदि वार्ता में शामिल थे।
डुंगरीपंथ में बनी सहमति
डुंगरीपंथ के प्रभावितों के साथ जीवीके कंपनी के निदेशक प्रसन्ना रेड्डी और समन्वयक संतोष रेड्डी की ब्लाक प्रमुख खिर्सू सुषमा नेगी की उपस्थिति में हुई वार्ता में प्रभावितों की आठ मांगों पर सहमति बनी। ग्राम प्रधान त्रिभुवन सिंह राणा ने कहा कि प्रभावितों के परिवारों को दस-दस लाख का पैकेज, जिनकी केवल जमीन ली गयी उनको केवल साढ़े सात लाख और जिनकी जमीन अधिग्रहीत नहीं हुई उन ग्रामीणों को पांच-पांच लाख का पैकेज देने के साथ ही प्रत्येक प्रभावित परिवार के एक-एक सदस्य को कंपनी में नौकरी भी दी जाएगी।
आज से धरने की चेतावनी
डुंगरीपंथ के कैलाश बहुगुणा, मुकेश कुमार, सुंदरलाल, राजेश कुमार आदि ने कहा कि जीवीके कंपनी ने प्रभावितों की मांगों को पूर्ण नहीं किया है इसलिए दस मांगों को लेकर 24 जनवरी से डुंगरीपंथ में नदी तट पर अनिश्चितकालीन धरना आंदोलन शुरू किया जाएगा। इस मुद्दे को लेकर उन्होंने एसडीएम को ज्ञापन भी दिया।