गढ़वाल विश्वविद्यालय की कोर्ट गठित
जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल : केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय की ओर से गढ़वाल विश्वविद्यालय की 31
जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल : केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय की ओर से गढ़वाल विश्वविद्यालय की 31 सदस्यीय कोर्ट गठित कर दी गई है। गढ़वाल के केंद्रीय विवि बनने के बाद यह विवि की पहली यूनिवर्सिटी कोर्ट भी है। इसके अध्यक्ष कुलाधिपति श्याम सरन हैं। कोर्ट में विभिन्न क्षेत्रों के लोग शामिल किए गए हैं।
विश्वविद्यालय के कार्यो और विकास को लेकर गठित की जाने वाली यूनिवर्सिटी कोर्ट अपनी बैठक के माध्यम से विवि को आवश्यक दिशा निर्देश देती है। वर्ष 2009 में केंद्रीय विश्वविद्यालय बन जाने के बाद केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय ने गढ़वाल विवि के लिए 31 सदस्यीय पहली कोर्ट भी गठित कर दी है। केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय की ओर से कोर्ट के सभी सदस्यों को नामित कर देने के बाद विवि के कुलसचिव की ओर से कोर्ट गठित करने की सूचना भी जारी कर दी गई है। प्रसिद्ध लेखक रस्किन बांड, एवरेस्ट फतह करने वाली पहली भारतीय महिला बछेंद्री पाल, एनआइटी उत्तराखंड के निदेशक प्रो. एचटी थोराट, सेंट्रल स्वाइल एंड वाटर कंजर्वेशन देहरादून के निदेशक डॉ. पीके शर्मा, जेएनयू के पूर्व प्रोफेसर डॉ. पुष्पेश पंत, श्रीनगर के योगेंद्र खंडूड़ी, बीएचईएल हरिद्वार के महाप्रबंधक पद्मश्री खालिद जहीर, सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जरनल गंभीर सिंह नेगी, हरिद्वार की बीना शास्त्री, कुमाऊं विवि के कुलपति प्रो. एचएस धामी, आइआइएम काशीपुर के निदेशक प्रो. गौतम सिन्हा, केंद्रीय विवि हिमाचल प्रदेश के कुलपति प्रो. फुरकान कंवर सहित विभिन्न क्षेत्रों के कुल 31 लोग गढ़वाल यूनिवर्सिटी कोर्ट के सदस्य नामित हुए हैं। विवि के कुलसचिव कोर्ट के एक्स ऑफिशियल सदस्य सचिव होते हैं। कोर्ट का कार्यकाल तीन साल का होता है।
दो वरिष्ठ कर्मचारियों का तबादला
गढ़वाल विवि के दो और वरिष्ठ कर्मचारियों का गुरुवार को विभाग बदलते हुए उनका तबादला कर दिया गया। कुलसचिव प्रो. पीएस राणा की ओर से जारी आदेश में कुलपति के निजी सचिव विजय सिंह रावत को अब अधिष्ठाता छात्र कल्याण कार्यालय में तैनात किया गया है। विवि स्टोर से विजयलाल को कुलपति सचिवालय में तैनात किया गया है।